पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण में देरी पर मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी

संवाद सहयोगी कबरई (महोबा) जिले के एक मात्र खनन एवं क्रशर उद्योग को बचाने व गति देने के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 11:24 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 11:24 PM (IST)
पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण में देरी पर मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी
पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण में देरी पर मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी

संवाद सहयोगी, कबरई (महोबा): जिले के एक मात्र खनन एवं क्रशर उद्योग को बचाने व गति देने के लिए

आवंटित हो चुके पहाड़ खनन क्षेत्रों की पर्यावरण अनापत्ति (ईसी ) प्राथमिकता व तीव्र गति से जारी की जाएं तथा लंबित ईसी वाले सभी पहाड़ खनन क्षेत्रों की सूची व पिछले एक माह में जारी की गई ईसी वाले खनन क्षेत्रों की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी जाए। बुधवार को लखनऊ में सीएम आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महोबा सदर विधायक राकेश गोस्वामी की ओर से जिले के एकमात्र उद्योग की समस्या की जानकारी देने पर अधिकारियों को उक्त आदेश दिए। प्रमाण पर में की जा रही देरी पर नाराजगी जताई।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण अनापत्ति में अधिकारियों के जानबूझकर की जा रही देरी की शिकायत को बेहद गंभीरता से लिया। अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए पर्यावरण बोर्ड तक को भंग किए जाने की चेतावनी दे डाली। 19 नवंबर को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने 17 नवंबर को महोबा आए मुख्यमंत्री को सदर विधायक ने जिले के खनन एवं क्रशर उद्योग के बंद होने व इससे लोगों के बेरोजगार हो जाने की बात बताई थी। मुख्यमंत्री ने लखनऊ आने को कहा था। इसी के चलते विधायक ने मुख्यमंत्री से भेंट की तथा जनपद के खनन व क्रशर उद्योग की समस्याओं से अवगत कराया। विधायक ने पचपहरा गांव को 500 मीटर दूर से अर्जुन सहायक परियोजना की निकली नहर से जोड़े जाने की मांग की।

दिखने लगा असर

मुख्यमंत्री की ओर से पर्यावरण अनापत्ति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दी गई चेतावनी का असर जिले में दिखने लगा है। महोबा जिले के सभी पर्यावरण अनापत्ति के लंबित पहाड़ खनन क्षेत्रों की लिस्ट शासन ने खनिज विभाग से गुरुवार को मंगा ली।

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