गजलें हो या गीत सब का दर्द ही आधार है..
संस चरखारी (महोबा) चरखारी के मेला सहस्त्र श्री गोवर्धन नाथ जी में जहां विष्णु महायज्ञ संगी
संस, चरखारी (महोबा): चरखारी के मेला सहस्त्र श्री गोवर्धन नाथ जी में जहां विष्णु महायज्ञ , संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा, मथुरा से आई रास मंडली द्वारा रासलीला, रामलीला आदि अनेकों धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन हो रहे हैं, वहीं कवि सम्मेलन के दौरान साहित्यकारों ने भी अपने गीतों से सभी को मोह लिया।
मेला परिसर में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन हुआ। इसका संचालन कानपुर से आए कवि केके अग्निहोत्री एवं अध्यक्षता छतरपुर के प्रकाश पटेरिया ने किया। कानपुर से आईं शिखा मिश्रा ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम प्रारंभ किया। गजलें हों या गीत सब का दर्द ही आधार है, कविता की हर बूंद सौ-सौ आंसुओं के पार है, कवि अभिराज पंकज की कविता को सभी ने सराहा। कवि प्रकाश पटेरिया छतरपुर ने, कविता जो जगन्नाथ रत्नाकर से गंगा अवतरण कराती है, ऋषि वाल्मीकि कि वह पावन बेटी कविता कहलाती है, कवि विवेक बरसैया ने कहा, कह गए मुक्तक प्रेम में मान या अपमान कहां होता है, दर्द होता है, समाधान कहां होता है,। छतरपुर के हाशमी ने, वसीयत में करा लो मुझसे अपनी जान कर दूंगा, वतन की आन की खातिर में सब कुर्बान कर दूंगा, सुनाई। शायर मुहम्मद परवेज ने कस्बा की हिदू मुस्लिम संस्कृति पर कविता प्रस्तुत की।कवि प्रदीप दिहुलिया के आठ वर्षीय सुपुत्र गोपाल की कविता, मनु महारानी ने देखो पिया बिठूरी पानी था, रण कौशल, तीरों, तलवारों में ना कोई सानी था,, बेहद सराही गई। कवि मनोहर मनोज कटनी, केके अग्निहोत्री कानपुर, कवि प्रकाश पटेरिया छतरपुर, विवेक बरसैयां गुरसराय, शिखा मिश्रा कानपुर, शायर सरवर कमाल झांसी, कवि सम्मेलन का शुभारंभ भाजपा जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह सेंगर, नगर पालिका अध्यक्ष मूलचंद अनुरागी ने किया।