आजाद चौक रखा जाए हमीरपुर चुंगी का नाम

जासं महोबा क्रांतिकारियों ने देश को आजाद कराने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया ल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 06:26 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 06:26 PM (IST)
आजाद चौक रखा जाए हमीरपुर चुंगी का नाम
आजाद चौक रखा जाए हमीरपुर चुंगी का नाम

जासं, महोबा : क्रांतिकारियों ने देश को आजाद कराने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया, लेकिन उनके स्मारकों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। चंद्रशेखर आजाद की 116वीं जयंती पर बुंदेली समाज ने शहर में बने उनके स्मारक की दुर्दशा पर सवाल उठाए। प्रशासन से तत्काल यहां की हालत सुधार कर चौक का नाम आजाद चौक रखने की मांग की।

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद कहा कि आजाद का बुंदेलखंड से गहरा नाता रहा है। 1925 में झांसी क्षेत्र में आए थे और वेष बदलकर हरिशंकर नाम से यहां कई वर्ष रहे। आजाद के शहीद होने के बाद उनकी माताजी जगरानी देवी भी अंतिम समय तक झांसी में रहती रहीं।

महामंत्री डा. अजय बरसैया ने बताया कि महोबा में आजाद की प्रतिमा 11 जून, 2000 को हमीरपुर चुंगी पर स्थापित की गई थी लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक कुमार व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. उमादत्त शुक्ला ने इस महान क्रांतिकारी की प्रतिमा का अनावरण करते वक्त यह कभी नहीं सोचा होगा कि 20 साल बाद इस स्मारक के इतने बुरे दिन आ जाएंगे। जगह-जगह से स्मारक के टाइल्स उखड़ गए हैं। स्मारक के चारों ओर लगे लोहे के खंभे और जंजीर गायब हो चुकी हैं। जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रभात सुल्लेरे ने कहा कि आजाद की मूर्ति जिस जगह पर लगी है। वह स्थान न केवल जिलाधिकारी आवास से सिर्फ चंद कदम की दूरी पर है बल्कि नगर का वह प्रवेश द्वार है जहां से लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और बांदा से आने वाले वीआईपी प्रवेश करते हैं। पूर्व सभासद दुर्जन अहिरवार व ग्यासी लाल ने प्रशासन

से इस स्मारक पर ध्यान देने की मांग की।

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