योग से स्मरणशक्ति एवं आत्मबल में होती है वृद्धि
कोरोना काल में लोगों को आत्मबल को बहुत मजबूत रखने की जरूरत है।
महराजगंज: सह योग शिक्षक पवन
कुमार पटेल ने बताया कि पक्षी क्रिया योगासन पक्षियों की प्रेरणा से लिया
गया है। इसी कारण यह पक्षी आसन के नाम से जाना जाता है। यह क्रिया स्मरण शक्ति एवं आत्मबल में वृद्धि
करने में सहायक होता है। कोरोना
काल में लोगों को आत्मबल को बहुत मजबूत रखने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस क्रिया को करने के लिए किसी शांत समतल व स्वच्छ स्थान पर उचित आसन लगाकर दंडासन की मुद्रा में (दोनों पैरों को सामने फैलाकर) बैठ जाएं। अब दोनों पैरों को जितना संभव हो, उतना फैलाएं। ऐसा करते समय घुटनों को सीधा एवं भूमि से सटाकर रखें। कमर को सीधा रखें। दाहिने हाथ को सिर के ऊपर से ले जाकर बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें। ऐसा करते समय कमर को बाईं ओर झुकाएं। अपने बाएं हाथ को नाभि के पास आराम करने दें। श्वास की गति को सामान्य बनाए रखें। इसी प्रकार उपरोक्त क्रिया को हाथ बदलकर अपने बाएं हाथ से करें। चाहे तो एक पांव को घुटना मोड़कर दूसरे
पांव की जांघ के पास भी रख सकते हैं। इस तरह इसे बिना रुके आठ से 12 बार करें। आसन समाप्त करने के लिए दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठें को पकड़ें। जितना संभव हो उतना आगे झुककर छाती एवं गर्दन को फर्श से सटाने का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में रुकें और वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस योगासन का अभ्यास सुबह खाली पेट ही करना
चाहिए। हाल ही में हुई सर्जरी हड्डी से संबंधित समस्याओं वाले मरीजों को ये आसन सावधानीपूर्वक व विशेषज्ञ
की देखरेख में ही करनी चाहिए।