शिकारियों के निशाने पर सोहगीबरवा के वन्यजीव

महराजगंज सोहगीबरवा के वन्यजीव शिकारियों के निशाने पर हैं। शिकारी जंगल में अक्सर सुअर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:54 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:54 PM (IST)
शिकारियों के निशाने पर सोहगीबरवा के वन्यजीव
शिकारियों के निशाने पर सोहगीबरवा के वन्यजीव

महराजगंज: सोहगीबरवा के वन्यजीव शिकारियों के निशाने पर हैं। शिकारी जंगल में अक्सर सुअर व हिरण के शिकार करने के लिए जाल व बाइक का क्लच वायर लगाते हैं, जिसमें फंसकर जंगली जानवर निकल नहीं पाते और दम तोड़ देते हैं। दो दिन पूर्व सोहगीबरवा में पकड़े गए तेंदुए के साथ भी यही हुआ था। क्लच वायर में फंसने के कारण उसकी गर्दन में गंभीर घाव बन गया था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इससे पूर्व भी कई जंगली जानवरों की मौत शिकारियों द्वारा लगाए गए जाल के कारण हो चुकी है।

महराजगंज जिले का सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग, बिहार का बाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व व नेपाल का चितवन टाइगर रिजर्व फारेस्ट आपस में जुड़ा हुआ हैं। सीमा खुली होने के कारण तीनों क्षेत्रों के वन्य जीव एक-दूसरे क्षेत्र में विचरण करते रहते हैं। इसी का लाभ उठाकर शिकारी भी जानवरों का शिकार करने से नहीं चूकते।

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शिकारियों के जाल में फंस चुके हैं कई तेंदुए:

सोहगीबरवा में पकड़े गए तेंदुए का मामला नया नहीं है। इससे पूर्व भी निचलौल रेंज के मिश्रौलिया के टोला गुलरभार में छह नवंबर 2020 को सुबह शिकार के लिए लगाए गए फंदे में एक तेंदुआ फंस गया था। इसी तरह निचलौल के गंडक बीट में आठ फरवरी को शिकारियों द्वारा लगाए गए क्लच वायर में तेंदुए का पैर फंस गया था। घायल तेंदुए को किसी तरह से क्लच वायर से मुक्त करा कर इलाज के लिए कानपुर चिड़िया घर भेजा गया था।

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक गले में चोट लगने से सोहगीबरवा में मिले तेंदुए की मौत हुई है। जंगल क्षेत्र में सक्रिय शिकारियों के नेटवर्क को तोड़ा जाएगा। शिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पुष्प कुमार के. डीएफओ, महराजगंज

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