सकारात्मक सोच से कोरोना को दी मात
घुघली कोरोना काल में सकारात्मक सोच व धैर्य सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ। कोविड-19 का पा
घुघली: कोरोना काल में सकारात्मक सोच व धैर्य सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ। कोविड-19 का पालन व शारीरिक दूरी, मास्क पहनना आदि का पालन कर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। मास्क व सैनिटाइजर यह सब संक्रमण के खात्मे के लिए महत्वपूर्ण है। इसको दिनचर्या में शामिल कर कोरोना को मात दे सकते हैं।
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बीते अप्रैल माह में मैं तेज बुखार, सर्दी, खांसी और दर्द से पीड़ित था। दवा लेने पर जब स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ तो मैंने कोरोना का जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई। पाजिटिव होने की खबर से तनिक भी न तो विचलित हुआ और न ही धैर्य खोया। डाक्टरों के परामर्श और सरकार के गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया। जब सुधार होने लगा तो फिर जांच कराया, इसके बाद रिपोर्ट निगेटिव आई अब मैं स्वस्थ हूं।
अजय कुमार सिंह,पकड़ियार विशनपुर, घुघली
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अप्रैल के अंतिम सप्ताह में हमें सर्दी- जुकाम व बुखार की शिकायत हुई तो तत्काल सीएचसी घुघली में कोरोना जांच कराई। रिपोर्ट पाजिटिव आई तो बिल्कुल डरा नहीं और कोरोना का डटकर सामना किया। हालांकि हमने कोविड का दोनों टीका पहले ही लगवा लिया था, इसलिए मेरे अंदर डर नाम की कोई चीज नहीं थी। मैंने यह महसूस ही नहीं किया कि मुझे कोरोना हुआ है। अंतत: मुझे कोरोना पर विजय मिला।
मिथिलेश शाही,सीएचसी घुघली
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होम्यापैथिक दवाएं इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार
आनंदनगर: कोरोना महामारी में होम्योपैथिक दवाएं कारगर साबित हो रही हैं। होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल इम्युनिटी बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इस समय शरीर की इम्युनिटी बढ़ाकर ही कोरोना से बचा जा सकता है।
कोरोना में जहां होम्योपैथ की दवाएं कारगर हैं, वहीं इससे मरीज ठीक भी हो रहे हैं। कोरोना में सबसे ज्यादा श्वसन तंत्र ही प्रभावित होता है। क्षतिग्रस्त श्वसन तंत्र कोरोना वायरस को शरीर में पनपने का उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराता है। इन तथ्यों को ध्यान में रखकर होम्योपैथी के योग्य चिकित्सकों ने गहन विश्लेषण के बाद कुछ दवाओं को इस बीमारी के लिए चुना है। इसमें आर्सेनिक एल्ब 30 जैसी दवाएं शामिल हैं। इन दवाओं का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर ही किया जाना चाहिए। वहीं लोगों को शारीरिक दूरी का पालन व मास्क लगाना चाहिए। इससे संक्रमण को रोका जा सकता है।
डा. दिनेश कुमार निगम
प्रभारी चिकित्सक
राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय फरेंदा