भूजल स्तर बढ़ाने के लिए जल संचयन जरूरी
परतावल निवासी इंजीनियर धर्मेंद्र कृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जल संरक्षण के साथ ही भूजल स्तर को बढ़ाने की अचूक विधि है। इससे गिरते भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को मकान निर्माण के समय इसे जरूर बनवाना चाहिए।
महराजगंज : भूजल के जबरदस्त दोहन से लगातार पानी का स्तर नीचे जा रहा है। इससे पेयजल की किल्लत हो रही है। बारिश का पानी यूं ही बहकर बर्बाद हो जाता है, जबकि उसे बचाकर सालभर इस्तेमाल किया जा सकता है। पानी की भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए वर्षा जल संचयन बहुत जरूरी है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जल संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम है। यह पानी के संकट को दूर करने और भूजल स्तर बढ़ाने में सहायक होगा।
परतावल निवासी इंजीनियर धर्मेंद्र कृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जल संरक्षण के साथ ही भूजल स्तर को बढ़ाने की अचूक विधि है। इससे गिरते भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को मकान निर्माण के समय इसे जरूर बनवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सबसे पहले इसे सही तरीके से समझने की जरूरत है। बारिश के पानी को हम जहां से भी अधिक से अधिक इकट्ठा कर सकते हैं। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम वहीं होना चाहिए। छत इसके लिए सबसे मुफीद जगह होती है। इसमें बारिश के पानी को सीधे उपयोग करने के लिए जमा किया जाता है। इसके लिए बारिश के पानी को पाइप के द्वारा स्टोरेज में जमा किया जाता है। इसमें रेनी फिल्टर प्रयोग में लाया जाता है और इसकी वजह से यह पानी अमूमन साफ रहता है। इस पानी को घर की सफाई और बागवानी में इस्तेमाल कर सकते हैं। खुद भी बनवा सकते हैं सिस्टम
अगर छत का एरिया 100 वर्ग मीटर है, तो एक गढ्डा बना लें। इस पिट की गहराई दो मीटर होगी। लंबाई और चौड़ाई एक-एक मीटर होगी। इस गड्डे की क्षमता लगभग 2000 लीटर पानी स्टोर करने की होती है। इसे बनवाने में कुल करीब साठ हजार की लागत आएगी। यह रखें विशेष ध्यान
छत पर किसी तरह के केमिकल, पेंट नहीं होना चाहिए। छत पर किसी भी तरह का केमिकल, जंग लगा हुआ लोहा, खाद या सर्प आदि नहीं होना चाहिए।