तस्करी के लिए रखी गईं दो ट्रक दवाएं बरामद, एक हिरासत में

निचलौल एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि देर रात सूचना के आधार पर जमुई कला गांव में एसएसबी व पुलिस के साथ छापेमारी की गई। जहां ढाई सौ से ज्यादा बड़े पैकेट में प्रतिबंधित नशीली दवाओं को बरामद किया गया है जिसे देर रात शितलापुर एसएसबी कैम्प ले जा कर रख दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 01:46 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 01:46 AM (IST)
तस्करी के लिए रखी गईं दो ट्रक दवाएं बरामद, एक हिरासत में
तस्करी के लिए रखी गईं दो ट्रक दवाएं बरामद, एक हिरासत में

महराजगंज: ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र के जमुई कला गांव में सोमवार की रात एसडीएम प्रमोद कुमार के नेतृत्व में एसएसबी जवानों ने छापेमारी कर बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाएं बरामद कर लिया है। वहीं एक आरोपित को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दो ट्रकों में दवाएं भरकर एसएसबी बीओपी शितलापुर में रखी गई हैं। मौके पर पहुंची ड्रग विभाग की टीम जांच में जुटी है।

निचलौल एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि देर रात सूचना के आधार पर जमुई कला गांव में एसएसबी व पुलिस के साथ छापेमारी की गई। जहां ढाई सौ से ज्यादा बड़े पैकेट में प्रतिबंधित नशीली दवाओं को बरामद किया गया है, जिसे देर रात शितलापुर एसएसबी कैम्प ले जा कर रख दिया गया है। इसके साथ एक आरोपित को भी हिरासत में लिया गया है, जो अपना नाम राज बता रहा है। मंगलवार को पूरे दिन ड्रग विभाग के अधिकारियों द्वारा दवाओं की पहचान और उसकी गणना की गई । दवाएं किसकी हैं और किस लिए इतनी बड़ी मात्रा में लाई गई थी, इसकी जांच की जा रही है। अबतक की जांच में गड़ौरा निवासी एक आरोपित का नाम सामने आ रहा है। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि बरामद दवाओं की जांच की जा रही है। बुधवार को पूरे प्रकरण का पर्दाफाश किया जाएगा। लंबे समय से चल रहा था खेल

जमुई कला गांव में एसडीएम की छापेमारी में पकड़ा गया अवैध नशीली दवाओं की खेप का यह मामला कोई नया नहीं है। यहां पर यह धंधा लंबे समय से चल रहा है। बल्कि सीमा क्षेत्र में तस्करी का एक नया धंधा पैदा हो गया है। दवाएं खुद लेने आते हैं नेपाली तस्कर

भारत नेपाल की सीमा पर स्थित इन नशीली दवाओं के कारोबारियों के पास खुद नेपाली तस्कर दवाओं की खेप लेने आते हैं। और बाइक पर खुदरा दवाएं लेकर पंगडंडियों के रास्ते नेपाल चले जाते हैं। नेपाल में महंगी और आसानी से उपलब्ध न होने वाली दवाएं उन्हें बार्डर पर पांच से 10 फीसद महंगे दाम पर बेची जाती है।

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