घाटे से जूझ रहा परिवहन निगम, दो बसें सरेंडर

प्रतिदिन करीब चार लाख रुपये के राजस्व की हो रही क्षति

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 08:40 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 08:40 PM (IST)
घाटे से जूझ रहा परिवहन निगम, दो बसें सरेंडर
घाटे से जूझ रहा परिवहन निगम, दो बसें सरेंडर

महराजगंज: कोरोना क‌र्फ्यू काल में यात्रियों के नहीं मिलने के कारण परिवहन निगम घाटे से जूझ रहा है। प्रतिदिन करीब चार लाख रुपये के राजस्व की क्षति हो रही है। इस कारण फिलहाल निगम ने अभी दो बसों को सरेंडर कर दिया है। महराजगंज बस डिपो में कुल 52 बसें हैं। कोरोना काल में बसों के यात्रियों की संख्या कम हो गई है और तो और कोविड प्रोटोकाल के तहत एक बस में सीट से 50 फीसद से अधिक यात्री नहीं बैठाना है। इस कारण विभाग घाटे में है। आय नहीं होने से बसों का टैक्स जमा करना विभाग के लिए मुश्किल हो गई है। बसें खड़ी होने की कारण परिवहन विभाग को लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसलिए निगम के अधिकारियों ने एआरटीओ कार्यालय में दो बसों के प्रमाण-पत्र सरेंडर करा दिए और बसों को खड़ा करा दिया है। ताकि टैक्स की बचत हो सके। जबकि अन्य बसें अभी चल रहीं हैं। लेकिन यात्रियों के घरों से नहीं निकलने के कारण बस निर्धारित चक्कर नहीं लगा पा रही है। इससे अधिकतर संविदा कर्मचारी सौ किमी भी नहीं चल पा रहे हैं, जिसके कारण उनके समक्ष पारिश्रमिक का संकट उत्पन्न हो गया है। महराजगंज में इस समस्या से 159 संविदा कर्मचारी प्रभावित हैं। राजस्व का लक्ष्य प्राप्त करने में छूट रहे पसीने

महराजगंज: कोरोना काल में परिवहन निगम के अधिकारियों को राजस्व का लक्ष्य प्राप्त करने में पसीने छूट रहें हैं। निगम को माह में 1.80 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य निर्धारित है। लेकिन 40 फीसद आय प्राप्त हो पा रही हैं। विभाग को 60 फीसद का नुकसान हो रहा है। कोरोना क‌र्फ्यू के कारण यात्री कम निकल रहे हैं, जिससे लक्ष्य के अनुसार विभाग को राजस्व प्राप्त नहीं हो पा रहा है। आय नहीं होने से दो बसों को सरेंडर कर दिया गया है।

महेंद्र पांडेय, एआरएम, महराजगंज बस डिपो

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