नौनिहाल कबाड़ बिन जुटा रहे दो वक्त की रोटी
विभागीय उदासीनता के कारण बालश्रम पर नहीं लग पा रही रोक
महराजगंज: फरेंदा कस्बे के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों कबाड़ बीनते नौनिहालों को देखा जा सकता है। ककहरा सीखने की उम्र में यह बच्चे चाय पानी की दुकानों पर कमर तोड़ मेहनत कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने में जुटे हुए हैं। शिक्षा का अधिकार कानून वर्ष 2009 से लागू है। यह अधिकार कई साल से कानून के रूप में लागू होने के बावजूद भी फाइलों से निकलकर हकीकत में लागू नहीं हो पा रहा है। छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में किताब-कलम की जगह कबाड़ से भरी बोरी व जूठे बर्तन,प्लेट देख बाल मजदूरी को रोकने का सपना अधूरा दिखता है। सैकड़ों बच्चों का बचपन चूल्हे की आंच में झुलस रहा है। होटलों-ढाबों, टेंट की दुकानों सहित अन्य जगहों पर इन बाल मजदूरों को काम करते हुए आसानी से देखा जा सकता है। उपजिलाधिकारी फरेंदा राजेश जायसवाल ने कहा शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।