स्मार्टफोन से रुकेगा पोषाहार में गोलमाल का खेल

स्मार्ट फोन में आंगनबाड़ी द्वारा फीड किए जाने वाले लाभार्थियों में शामिल महिला किशोरी और बच्चों की संख्या का भी सत्यापन कराया जाएगा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग ने पोषण ट्रैकर एप लांच किया है। इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए सभी आंगनबाड़ी को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराए जाने को भी कहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 01:20 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 01:20 AM (IST)
स्मार्टफोन से रुकेगा पोषाहार में गोलमाल का खेल
स्मार्टफोन से रुकेगा पोषाहार में गोलमाल का खेल

महराजगंज: आंगनबाड़ी के हाथ में स्मार्ट फोन आते ही पोषाहार में होने वाला खेल पर अंकुश की उम्मीद जताई जा रही है। अब पोषाहार की मांग लाभार्थियों की संख्या के अनुसार होगी। ज्यादा बच्चे और महिलाएं दिखाकर बोगस पोषाहार आवंटित कराने का खेल नहीं चल सकेगा। स्मार्ट फोन में पोषाहार मांग की आनलाइन फीडिग होगी। जिले की 2800 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन दिए जाएंगे। इसी माह इनके वितरण की उम्मीद है। सरकार अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर फर्जी लाभार्थियों की संख्या दिखाकर पोषाहार हड़पने पर विराम लगाने जा रही है।

स्मार्ट फोन में आंगनबाड़ी द्वारा फीड किए जाने वाले लाभार्थियों में शामिल महिला, किशोरी और बच्चों की संख्या का भी सत्यापन कराया जाएगा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग ने पोषण ट्रैकर एप लांच किया है। इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए सभी आंगनबाड़ी को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराए जाने को भी कहा है। फोन में शामिल एप में पोषाहार के तहत वितरित होने वाली सामग्री का विवरण इसमें दर्ज होगा। केंद्र सरकार एप पर होने वाली फीडिग की सीधे निगरानी करेगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि जिले के 3133 आंगनबाड़ी केंद्रों पर तैनात 2800 आंगनबाड़ी और मीनी आंगनबाड़ी को इस योजना से लाभान्वित कराया जाएगा। पहले कैस एप से होती रही है मानिटरिग

केंद्र सरकार ने इससे पहले पोषाहार की मानीटरिग करने के लिए कामन एप्लीकेशन साफ्टवेयर (कैस) लांच किया था। इसमें आंगनबाड़ी को कुपोषित बच्चों की पूरी जानकारी उपलब्ध करानी थी। इसके जरिए केंद्र सरकार जानना चाहती थी कि कुपोषित बच्चों को मिलने वाले पोषाहार का क्या लाभ हुआ है। अब इसको बंद कर दिया गया है।

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