चालाक तेंदुए ने बढ़ाई वन विभाग की परेशानी, बकरे की गई जान
सेमरहवा गांव में सप्ताह पूर्व सात वर्षीय बालक छोटेलाल व एक गोवंशी पशु तेंदुए के हमले से जान गंवा बैठे हैं। घटना के दो दिन बाद महिला तिलकी भी जख्मी हो गई। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम खूब जद्दोजहद कर रही है पर चालाक तेंदुआ उनसे एक कदम आगे चल रहा है। तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया।
महराजगंज: सोहगीबरवां वन्यजीव प्रभाग उत्तरी चौक रेंज जंगल से सटा सेमरहवा गांव में दहशत का पर्याय बन चुके तेंदुए ने गुरुवार रात को पिजड़े में बंधे बकरे को अपना निवाला बना लिया। वन विभाग ने दूसरे बकरे को रखकर पिजड़े को बारीकी से जाली से बांध दिया है। वनकर्मी लगातार गांव से लेकर घने जंगलों में पेट्रोलिग व ड्रोन कैमरे से तेंदुए की तलाश कर रहे हैं, लेकिन उनको सफलता हाथ नहीं लग पाई है।
नौतनवा थाना क्षेत्र सेमरहवा गांव में सप्ताह पूर्व सात वर्षीय बालक छोटेलाल व एक गोवंशी पशु तेंदुए के हमले से जान गंवा बैठे हैं। घटना के दो दिन बाद महिला तिलकी भी जख्मी हो गई। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम खूब जद्दोजहद कर रही है, पर चालाक तेंदुआ उनसे एक कदम आगे चल रहा है। तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। ड्रोन से भी तलाशी की जा रही है। पिजड़ा में बकरे को रखकर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन बीती रात वह भी असफल रही और बकरे की भी जान चली गई। इस घटना को सुनते ही ग्रामीणों में और भी दहशत का माहौल है। लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। पहरेदारी करते रात कैसे गुजर जाती पता नहीं चलता।
वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह ने बताया कि यदि पिजड़े में तेंदुआ बकरे का शिकार करने के लिए घुसता तो वह कैद हो जाता। लेकिन चालाक तेंदुआ पिजड़े के बाहर से पैरों से खींच लिया, जिसमें बकरे का आधा हिस्सा अभी भी पिजड़ा में है। उन्होंने बताया बकरे को रखने वाले पिजड़ा को जाली से बांध दिया गया है। जिससे कोई भी जानवर उस तक नहीं पहुंच पाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से समूह बनाकर बाहर निकलने व खेत में काम करने की सलाह दी है।