कोरोना जांच की रिपोर्ट तिथिवार करें प्रस्तुत

कंटेनमेंटन जोन के गांव व मुहल्लों को सील किया जाए

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 11:36 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 11:36 PM (IST)
कोरोना जांच की रिपोर्ट तिथिवार करें प्रस्तुत
कोरोना जांच की रिपोर्ट तिथिवार करें प्रस्तुत

महराजगंज: जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार ने कार्यालय कक्ष में बैठक कर कोरोना नियंत्रण तथा होम आइसोलेशन में संक्रमित व्यक्ति की जांच उपचार की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आइए अन्सारी को निर्देशित किया कि आरटीपीसीआर कोरोना जांच की रिपोर्ट तिथिवार प्रस्तुत करें। इसमें कितने समय में रिपोर्ट प्राप्त हो रही है व कितने की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है, उसे अंकित करें। संक्रमित व्यक्ति किसी भी दशा में बाहर या हाट बाजार न जाए। रिपोर्ट प्राप्त पश्चात कार्रवाई शुरू कर दी जाए। एसडीएम को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि ग्राम व शहर मुहल्लों में संक्रमित व्यक्ति की संख्या अधिक हो, तो कंटेनमेंट में गांव व मुहल्लों को सील किया जाए और आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराया जाए।

रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) हर संक्रमित व्यक्ति से संपर्क करें और पूरा विवरण नोटकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों के उपचार व व्यवस्था पर निगरानी रखें। लापरवाही न बरतें।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गौरव सिंह सोगरवाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी कुन्जबिहारी अग्रवाल, एसडीएम सदर साई तेजा सीलम, अपर एसडीएम अविनाश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्राणायाम से दूर होती है फेफड़े की बीमारी

महराजगंज: भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी आत्माराम गुप्त ने बताया कि योग निरोग बनाने का मूलमंत्र है। वायरस से लड़ने के लिए कपालभाति प्राणायाम सहायक है। इस प्राणायाम से हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क के रोग दूर होते हैं। इसे हम दिनचर्चा में शामिल कर खुद को स्वस्थ और मजबूत बना सकते हैं।

कपालभाति प्राणायाम के बारे में बताते हुए आत्माराम ने बताया कि यह श्वास के द्वारा किया जाने वाले प्राणायाम है। इससे 80 फीसद विषैले तत्व सांस के साथ बाहर निकल जाते हैं। रीढ़ की हड्डी को सीधा करके बैठ जाएं। अपने हाथों को आराम से घुटनों पर रखें। एक लंबी सांस अंदर लें। सांस छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की ओर खींचे, पेट को इस प्रकार से अंदर खींचे की वह रीढ़ की हड्डी को छू लें। जितना हो सके, उतना ही करें। पेट की मांसपेशियों के सिकुड़ने को आप अपने पेट पर हाथ रखकर महससू कर सकते हैं। नाभि को अंदर की ओर खींचे। जैसे ही आप पेट की मांसपेशियों को छोड़ते हैं। सांस अपने आप ही आपके फेफड़े में पहुंच जाती है।

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