लखनऊ मुख्यालय से जुड़े हैं मनरेगा घोटाले के तार

घोटाले का मास्टरमाइंड एपीओ विनय कुमार मौर्य ने वर्ष 2007 में गोरखपुर से कंप्यूटर की जानकारी के लिए बीसीए (बैचलर आफ कंप्यूटर एडमिनिस्ट्रेशन) और 2010 में एमसीए (मास्टर आफ कंप्यूटर एडमिनिस्ट्रेशन) की डिग्री गलगोटिया यूनिवर्सिटी जिला गौतमबुद्धनगर से प्राप्त की है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 02:27 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 02:46 AM (IST)
लखनऊ मुख्यालय से जुड़े हैं मनरेगा घोटाले के तार
लखनऊ मुख्यालय से जुड़े हैं मनरेगा घोटाले के तार

महराजगंज: जिले के परतावल व घुघली ब्लाक में मनरेगा में हुए 1.54 करोड़ रुपये के घोटाले के तार मनरेगा कार्यालय लखनऊ से जुड़े हुए हैं। शुक्रवार को मुख्य आरोपित एपीओ विनय मौर्य व कंप्यूटर आपरेटर शिवराम गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद इसका पर्दाफाश हो गया है। गोलमाल में उसका मनरेगा कार्यालय लखनऊ से सहयोग करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसके ही बैच का एपीओ धर्मेंद्र त्रिपाठी है। पुलिस ने मास्टरमाइंड विनय मौर्य की गिरफ्तारी के बाद मनरेगा विभाग की मदद से इसकी सूचना लखनऊ भी भेजी है।

घोटाले का मास्टरमाइंड एपीओ विनय कुमार मौर्य ने वर्ष 2007 में गोरखपुर से कंप्यूटर की जानकारी के लिए बीसीए (बैचलर आफ कंप्यूटर एडमिनिस्ट्रेशन) और 2010 में एमसीए (मास्टर आफ कंप्यूटर एडमिनिस्ट्रेशन) की डिग्री गलगोटिया यूनिवर्सिटी जिला गौतमबुद्धनगर से प्राप्त की है। वर्ष 2011 में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी के पद पर इसकी तैनाती महराजगंज में हुई थी। गिरफ्तार आरोपित विनय मौर्य ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि वह जिले में जिन कार्यों का मस्टररोल शून्य हो जाता था, उसे दोबारा लखनऊ मुख्य कार्यालय में बैठे अपने 2011 बैच के साथी एपीओ धर्मेंद्र त्रिपाठी से एक्टिव कराता था और फिर उस आइडी को विभिन्न विभागों में ट्रांसफर कर संबंधित सत्यापन अधिकारियों से न सिर्फ बिना कार्य कराए उसका सत्यापन करा लेता था, बल्कि भुगतान कराकर पूरे रुपये हड़प जाता था। चार गांवों के मजदूरों के खाते में ली गई है मजदूरी की धनराशि

महराजगंज: अबतक हुए फर्जी कार्यों में मटेरियल भुगतान के साथ मजदूरी की भी एक बड़ी धनराशि का गबन किया गया है। और इस कार्य के लिए गांव के भोले-भाले मजदूरों को प्रयोग किया गया है। अबतक की जांच में कुल चार गांव के मजदूरों के जाब कार्ड लगाकर मनरेगा की मजदूरी का भुगतान कराया गया है। इन गांवों में सदर ब्लाक के सतभरिया, केवलापुर खुर्द, कटहरा खास और अहमदपुर गांव के मजदूर शामिल हैं। मनरेगा मामले में क्राइम ब्रांच समेत साइबर सेल की टीम टेक्निकल जांच में जुटी हुई है। आरोपितों के पास से बरामद डाटा से साक्ष्य एकत्रित की जा रहे हैं, जल्द ही अन्य आरोपितों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।

प्रदीप गुप्ता, पुलिस अधीक्षक, महराजगंज

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