ब्लैक फंगस का संदिग्ध मरीज मिलने से हड़कंप

स्वजन उसे लखनऊ केजीएमसी में ले गए। वहां चिकित्सकों ने जांच किया और उसे भर्ती होने की सलाह दी। लेकिन स्वजन वहां से लौट आए। इसके बाद युवक फिर सीएचसी परतावल पर पहुंचा जहां अधीक्षक दुर्गेश सिंह ने मरीज को जिला अस्पताल भेजा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 01:53 AM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 01:53 AM (IST)
ब्लैक फंगस का संदिग्ध मरीज मिलने से हड़कंप
ब्लैक फंगस का संदिग्ध मरीज मिलने से हड़कंप

महराजगंज: श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के एक गांव में ब्लैक फंगस का एक संदिग्ध मरीज पाए जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। बताया जाता है कि युवक 25 अप्रैल को गुजरात से घर के लिए रवाना हुआ। लेकिन कानपुर में उसे दिक्कत हुई तो किसी तरह से गोरखपुर तक लाया गया। स्वजन उसे गोरखपुर मेडिकल कालेज में इलाज के लिए ले गए। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे लखनऊ रेफर कर दिया।

स्वजन उसे लखनऊ केजीएमसी में ले गए। वहां चिकित्सकों ने जांच किया और उसे भर्ती होने की सलाह दी। लेकिन स्वजन वहां से लौट आए। इसके बाद युवक फिर सीएचसी परतावल पर पहुंचा, जहां अधीक्षक दुर्गेश सिंह ने मरीज को जिला अस्पताल भेजा। लेकिन वहां उसकी रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव होने के कारण मरीज को कोविड हास्पिटल में भर्ती किया जा रहा था। इससे उसके स्वजन उसे घर लेकर चल आएं। युवक की आंख बाहर आ गई है और गाल में भी गड्ढे हो गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि संदिग्ध मरीज का पता चला है, जिसे गोरखपुर मेडिकल कालेज से लखनऊ के लिए रेफर किया गया है।

प्रदूषण से परेशान ग्रामीणों ने बैरियर लगा शव जलाने से रोका

निचलौल थाना क्षेत्र के भारत नेपाल सीमा से सटे ग्राम बहुआर के ग्रामीणों ने श्मशान घाट के मुख्य मार्ग पर बांस-बल्ली लगाकर शव जलाने से रोक दिया है। जिसके चलते लोग मजबूर होकर शव को दाह संस्कार करने के लिए करीब पांच किलोमीटर दूर गंडक नदी के किनारे पथलहवा घाट पर जा रहे हैं। बैरियर लगाए ग्रामीणों का आरोप है कि घाट पर बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित मृत व्यक्तियों का शव जलाया जा रहा था।

बहुआर निवासी राजेश प्रसाद, तैयब अली, गुलाब सेठ, श्रीकिशुन यादव, भरत पासवान, सुदर्शन ने कहा कि तेरह चार पुल से जाने वाली टेलफाल नहर के किनारे श्मशान घाट है। जो गांव के आबादी से काफी नजदीक है। पहले इस घाट पर हर रोज दो से चार शव जलाया जा रहा था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर चलते ही इस घाट पर प्रतिदिन 25-30 शव जलाया जाने लगा। वहीं कुछ शवों को पूर्ण रूप से जलने से पहले लोग शव छोड़ घाट से वापस लौट जा रहे थे। जिसके चलते गांव का वातावरण खराब हो रहा था। यही नही कोरोना संक्रमित मरीजों का शव जलाने से ग्रामीणों में भय बना हुआ था। एसडीएम राम सजीवन मौर्य ने कहा कि शीघ्र ही मौके पर पुलिस टीम को भेज कर बैरियर हटवाया जाएगा।

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