सपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर रोपा धान,किया विरोध
कैचवर्ड विरोध --मिश्रौलिया से फुलमनहा मार्ग गड्ढे में तब्दील होने पर किया विरोध प्रदर्शन --
कैचवर्ड: विरोध
--मिश्रौलिया से फुलमनहा मार्ग गड्ढे में तब्दील होने पर किया विरोध प्रदर्शन
--एक महीने में सड़क दुरुस्त न होने पर चक्का जाम करने की चेतावनी
फोटो: 24 एमआरजे: 35
जागरण संवाददाता, फुलमनहा:
बृजमनगंज क्षेत्र के मिश्रौलिया से फुलमनहा जाने वाला मार्ग गड्ढे में तब्दील हो गया है। इसके विरोध मे गुरुवार को पार्टी नेता अमित चौबे के नेतृत्व में सपाइयों ने सड़क पर हुए गड्ढे में धान की रोपाई कर विरोध-प्रदर्शन किया।
सपा नेता अमित चौबे ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश में गड्ढामुक्त सड़क होने का दावा कर रही, जबकि हकीकत कुछ और है। मिश्रौलिया-फुलमनहा मार्ग पूरी तरह से गड्ढे में तब्दील हो गया है। यह कोल्हुई, बहदुरी सहित दर्जनों गांवों के लोगों को लेहड़ा मंदिर व फरेंदा जाने के लिए नजदीकी मार्ग है। सड़क गड्ढे में तब्दील होने से राहगीरों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मार्ग में जलजमाव हो जाने से लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि एक माह के अंदर सड़क दुरुस्त नहीं किया गया तो मिश्रौलिया चौराहे पर ग्रामीणों के साथ चक्का जाम किया जाएगा। इस अवसर पर कृष्णा यादव, कृष्णमोहन यादव, सुग्रीव, तुफैल अहमद, रामनरेश, संतोष, रामकिशुन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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अनशन पर बैठे व्यक्ति की हालत बिगड़ी
नौतनवा: तहसील परिसर में आराजी सरकार उर्फ बैरिहवा गांव निवासी रुद्रदेव मणि त्रिपाठी ने पूर्व ग्राम प्रधान के खिलाफ विकास कार्यों की जांच को लेकर तीसरे दिन भी अनशन किया। गुरुवार को अनशनकारी की तबीयत बिगड़ गई।
रुद्र देव मणि ने पूर्व ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया है कि चार वर्षों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय योजना में 224 लाभार्थियों के नाम सूची में अंकित हैं, लेकिन वास्तव में 20 ही पूर्ण दिखाई दे रहे हैं। जिसमें 12 हजार रुपये के हिसाब से लाखों का गबन किया गया है। इसके अलावा मनरेगा योजना में मिट्टी व पक्का निर्माण, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कायाकल्प, इंटरलाकिग सड़क व नाली निर्माण में खानापूर्ति, अंत्येष्टि स्थल व स्ट्रीट लाइट के नाम पर धांधली की गई है। अधिकारियों ने अब तक मामले को संज्ञान नहीं लिया। तहसीलदार अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि एक सप्ताह में जांच कराने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अनशनकारी मानने को तैयार नहीं है।