ग्रामीणों को डरा रहे महाव के जर्जर बांध
पहली ही बाढ़ में दो स्थानों पर बांध टूटने से सहमे हैं तटवर्ती ग्रामीण
महराजगंज: क्षेत्र में तबाही का पर्याय बना महाव नाला पहली ही बाढ़ में दो स्थानों पर बांध को तोड़कर काफी तबाही मचा चुका है। बावजूद इसके मेड़ सरीखे जर्जर बांध की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। इससे अन्य स्थानों पर भी बांध के टूटने का खतरा बना हुआ हैं। महाव की रेत से इसके दोनों किनारों पर बना बांध पहले से ही काफी कमजोर है। उफनाते ही नाला बीते 14 जुलाई को दो स्थानों पर बांध को तोड़कर काफी तबाही मचा
चुका है। फिर भी सर्पीले आकार में बहने वाले महाव के जर्जर बांध व 65 से अधिक खतरनाक मोड़ को दुरुस्त कराने के लिए कोई प्रयास नहीं हुआ। जिससे कोहरगड्डी, नारायणपुर, विशुनपुरा आदि गांवों के सामने भी बांध के टूटने का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि नाले के लाल निशान को पार करते ही उनके द्वारा जगह- जगह हो रहे पानी के रिसाव को रोकने के लिए श्रमदान कर हर संभव प्रयास किया जाता है, लेकिन नाला एक साथ कई स्थानों पर बांध को तोड़कर तबाही मचाना शुरु कर देता है।