मनरेगा घोटाले में दो और की सेवा समाप्त
महराजगंज परतावल और घुघली ब्लाक में हुए 1.54 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में मास्टर
महराजगंज: परतावल और घुघली ब्लाक में हुए 1.54 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में मास्टर माइंड अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी विनय कुमार मौर्य को बर्खास्त किए जाने के बाद अब दो कंप्यूटर आपरेटरों की भी सेवा समाप्त कर दी गई है। इस प्रकार अब तक तीन कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में धन की लूट मची है। सिर्फ परतावल व घुघली में ही एक करोड़ 54 लाख 10 हजार 173 रुपये फर्जी ढंग से भुगतान करा लिए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में परतावल ब्लाक के बरियरवा में तालाब के सुंदरीकरण के नाम पर 25 लाख 87 हजार 920 रुपये का गबन कर लिया गया है। इस मामले में 28 मई को तत्कालीन एपीओ विनय कुमार मौर्य सहित छह के विरुद्ध कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। घोटाले में एपीओ की सेवा समाप्त की जा चुकी है, जबकि घुघली क्षेत्र में एक करोड़ 28 लाख के घोटाले का मास्टर माइंड निवर्तमान अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी विनय कुमार मौर्य ही है। इसके अलावा शामिल तत्कालीन कंप्यूटर आपरेटर परतावल व घुघली यशवंत यादव तथा विकास खंड घुघली में दैनिक वेतन पर कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर प्रदीप शर्मा की बुधवार को सेवा समाप्त कर दी गई है। घोटाले में शामिल फर्म अंकित इंटर प्राइजेज और अमन ट्रेडिग कंपनी दोनों एक ही है। जो नाम बदलकर कार्य करता है, जिसे पहले ही ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है।
मुख्य विकास अधिकारी गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि दोनों कंप्यूटर आपरेटरों की सेवा समाप्त कर दी गई है। घोटाले की धनराशि की रिकवरी कराई जाएगी।
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धोखाधड़ी से रह चुका है एपीओ का पुराना नाता
महराजगंज: परतावल और घुघली ब्लाक की मनरेगा योजना में वन विभाग और उद्यान विभाग की मिलीभगत से 1.54 करोड़ रुपये के गबन के मामले में मुख्य आरोपित बर्खास्त एपीओ विनय मौर्य का धोखाधड़ी और विवादों से पुराना नाता रह चुका है।
एपीओ के खिलाफ श्यामदेउरवा थाने में वर्ष 2019 में अपने ही गांव के युवक का रुपये हड़पने और मांगने पर हत्या किए जाने का मामला भी दर्ज हुआ था, हालांकि पुलिस जांच में युवक की मौत दुर्घटना साबित होने के बाद न्यायालय से राहत मिल गई। अब पुलिस आरोपित एपीओ को गिरफ्तार कर उसके द्वारा कराए गए अन्य कार्यों की भी जांच में जुटी हुई है।
अबतक की जांच में यह बात सामने आई है कि परतावल में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी के पद पर तैनात रहते हुए ही विनय मौर्य ने मनरेगा में के धन का बंदरबाट करने की योजना बना ली थी। बरियरवा तालाब के घोटाले में इसके साथ वन विभाग में तत्कालीन एसडीओ रहे घनश्याम राय, लिपिक बिद्रेश सिंह, कम्प्यूटर आपरेटर अरविद श्रीवास्तव व ठीकेदार दिनेश मौर्य को भी साथ लिया और और 25.87 लाख रुपये का गबन कर लिया। मामला पकड़े जाने के बाद परतावल के बीडीओ प्रवीण कुमार शुक्ल ने पहला मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की शुरू हुई जांच में एपीओ का आपराधिक इतिहास सामने आया तो विभाग के कान खड़ हो गए। मूलत: श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के धनहा नायक के विनय कुमार मौर्य पर 27 मई 2019 को गांव के ही एक युवक की हत्या कर साक्ष्य छिपाए जाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोप था कि पहले आरोपित ने युवक का केसीसी बनवाया और फिर उसके रुपये निकलवाकर हड़प लिए। युवक ने अपने रुपये लेने का प्रयास किया तो आरोपितों ने पहले उसकी हत्या कर दी फिर रेलवे लाइन पर ले जाकर लिटा दिया था। युवक की पत्नी कालिदी देवी की तहरीर पर आरोपित एपीओ समेत कुल चार लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। बाद में पुलिस की जांच में इसे दुर्घटना बताया गया था और आरोपित को न्यायालय ने बरी कर दिया गया।