उपेक्षा का शिकार राममनोहर लोहिया ज्ञान पार्क

पार्क के सुंदरीकरण के उद्देश्य से नगर पालिका की ओर से शासन में 2.76 करोड़ रुपये का प्रस्ताव गया था लेकिन स्वीकृति न मिलने के कारण परियोजना अधर में लटक गई। आधे अधूरे काम के कारण आज तक पार्क की स्थिति में सुधार नहीं हो सका।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 10:51 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 10:51 PM (IST)
उपेक्षा का शिकार राममनोहर लोहिया ज्ञान पार्क
उपेक्षा का शिकार राममनोहर लोहिया ज्ञान पार्क

महराजगंज: जिला मुख्यालय पर बेहतर माहौल स्थापित करने के लिए माडल पार्क के रूप में विकसित होने वाला डा. राम मनोहर लोहिया ज्ञान सरोवर पार्क उपेक्षा का शिकार है। प्रशासनिक अधिकारियों के आवास के ठीक सामने इस बदहाल पार्क में बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। पार्क की स्थिति इतनी खराब है कि कोई घूमना पसंद नहीं करता है। मुख्यालय के नौनिहाल कहां खेलने जाएं, यह दिक्कत भी खड़ी हो गई है।

पार्क के सुंदरीकरण के उद्देश्य से नगर पालिका की ओर से शासन में 2.76 करोड़ रुपये का प्रस्ताव गया था, लेकिन स्वीकृति न मिलने के कारण परियोजना अधर में लटक गई। आधे अधूरे काम के कारण आज तक पार्क की स्थिति में सुधार नहीं हो सका। नगर पालिका को इस पार्क के देखरेख की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन बदहाली दूर नहीं हो पाई। पार्क का नजारा है कि पूरा पार्क घास से पट गई है। तालाब का पानी लगभग सूख गया है। प्लास्टिक, झाड़ी, कूड़ा जगह-जगह दिखाई देंगे। बच्चों के खेलने वाला झूला टूट गया है। कौन आता-जाता है इसकी खबर किसी को नहीं है। जिसकी वजह से अनहोनी की आशंका अधिक रहती है।

पार्क में बच्चों के खेलने की सुविधा, फव्वारे, पथप्रकाश, फूल की बागवानी, बैठने की व्यवस्था, जिम, टहलने के लिए ट्रैक आदि की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन बच्चों के लिए झूले, व तालाब के किनारे कुर्सियों को रखकर काम चलाया जा रहा है। सुविधा नहीं होने की वजह से यहां टहलने वालों की संख्या काफी कम है। पार्क की देखरेख करने वाला भी कोई नहीं है।

आत्माराम गुप्ता ने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित डा. राम मनोहर लोहिया पार्क की बदहाली यहां के जनप्रतिनिधियों वह अधिकारियों की सोच को दर्शाती है। नगरपालिका का विस्तार तो हो गया , लेकिन बच्चों के खेल कूदने के दृष्टिकोण से कोई सुव्यवस्थित व्यवस्था नहीं हो पाई। पूरे नगर पालिका में सिर्फ अंबेडकर पार्क ही थोड़ा देखने लायक है, लेकिन उस पर भी शुल्क है।

संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि

जिला मुख्यालय पर बना यह पार्क मुख्यालय आने वाले फरियादियों समेत वहां रहने वाले आस-पास के लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। इसका जिर्णोद्धार कराना अतिमहत्वपूर्ण है। आलोक कुमार, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद महराजगंज ने बताया कि पहले यह पार्क नगर पालिका परिक्षेत्र से बाहर था तो इसकी देखरेख कलक्ट्रेट से होती रही। नगर पालिका को इसके देखरेख की जिम्मेदारी मिलने के बाद इसके सुंदरीकरण हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद इसे बेहतर बनाया जाएगा।

अविनाश कुमार, अपर एसडीएम , महराजगंज ने बताया कि पार्क के देखरेख एवं उचित साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर पालिका प्रशासन की है। इसके लिए समय-समय पर साफ-सफाई भी होती रहती है। शासन को इसके सुंदरीकरण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

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