जर्जर बसों की छत से टपक रहा बारिश का पानी, परेशानी
यात्री मनोज कुमार ने बताया कि परिवहन निगम किराया तो पूरा लेता है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिलता है। धनंजय ने बताया कि बारिश के मौसम में तो परिवहन निगम की बसों से यात्रा करना दुश्वारियां मोल लेने जैसा है।
महराजगंज: सरकार बेहतर परिवहन सुविधा का दावा भले ही करे, लेकिन जिले में हकीकत ठीक उलट है। बारिश में निगम की बसों से यात्रा करना मुश्किल हो गया है। बसों की छत जर्जर हो गई है, जिसके कारण छतों से बारिश का पानी टपकता है और यात्री भीगकर यात्रा करने को विवश होते हैं। महराजगंज बस डिपो में कुल 52 बसें है। लेकिन इसमें करीब 10 बसें जर्जर हो गई है। बारिश के पहले इसे ठीक नहीं कराया गया है। थोड़ी सी भी बारिश हो तो इन बसों की छतों से पानी टपकने लगता है और तो और खिड़की के शीशे टूटने से बारिश की बौछार अंदर पहुंच रही है, जिससे यात्री भीग रहे हैं। अधिकतर बसों के वाइपर खराब होने से बारिश में ड्राइवरों को भी दिक्कत होती है। वह बीच-बीच में बस रोककर पानी साफ करते हैं। ऐसे में वह खुद भी बारिश में भीग जाते हैं। यात्रियों ने बयां किया दर्द
यात्री मनोज कुमार ने बताया कि परिवहन निगम किराया तो पूरा लेता है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिलता है। धनंजय ने बताया कि बारिश के मौसम में तो परिवहन निगम की बसों से यात्रा करना दुश्वारियां मोल लेने जैसा है। यात्री जग्गू ने बताया कि सरकार कोविड नियम का पालन करने के लिए कह रही है, लेकिन बस की छत से जब पानी टपक रहा है, तो सब नियम यहां फेल हो जा रहा है। लोग सिर्फ बारिश से ही अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं। मुन्नर ने बताया कि रिश्तेदारी में जाना था, लेकिन कपड़ा भीग गया है। क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है। यात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध करने के लिए शासन-प्रशासन गंभीर है, जिन बसों की छत जर्जर हो गई है, उसकी मरम्मत के लिए वर्कशाप में भेजा गया है। अतिशीघ्र उसे ठीक कराकर मार्गों पर लगा दिया जाएगा।
महेंद्र पांडेय, एआरएम, महराजगंज बस डिपो