त्याग, तपस्या और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे प्रो. सक्सेना: डा. भट्ट

समाज के पिछड़े और दबे लोगों की आवाज थे प्रो. शिब्बन लाल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 04:46 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 04:46 PM (IST)
त्याग, तपस्या और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे प्रो. सक्सेना: 
डा. भट्ट
त्याग, तपस्या और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे प्रो. सक्सेना: डा. भट्ट

महराजगंज: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा जवाहर लाल नेहरू स्मारक पीजी कालेज, महराजगंज के संस्थापक प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना की पुण्यतिथि पर मंगलवार को सभागार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

इस दौरान डा. बलराम भट्ट ने कहा कि प्रो. सक्सेना त्याग, तपस्या और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे। वह देश स्तर के राजनेता थे। वह सदैव महराजगंज को देश के मानचित्र पर लाना चाहते थे।

प्राचार्य डा. अजय कुमार मिश्र ने कहा कि प्रो. सक्सेना समाज के पिछड़े और दबे लोगों की आवाज थे। हमें उनके बताए पदचिन्हों पर चलना चाहिए। राजनीति शास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. घनश्याम शर्मा ने कहा कि प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना स्वतंत्रता संग्राम के महायोद्धा थे। इस अवसर पर डा. ओमप्रकाश श्रीवास्तव, पूर्व पुस्तकालय अध्यक्ष जगदीश नारायण शर्मा, शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ अध्यक्ष डा. शान्तिशरण मिश्र, लेखाकार श्रवण पटेल ने भी सक्सेना के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के अनेक पक्षों पर प्रकाश डाला। संगोष्टी का संचालन राणा प्रताप तिवारी ने किया। इस अवसर पर धर्मेंद्र सोनकर, राहुल, अक्षय कुमार, धर्मवीर, डा. प्रशांत पांडेय, गोपाल सिंह, डा. शैलेंद्र कुमार उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

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