विवेचनाओं के निस्तारण में फिसड्डी साबित हो रही पुलिस

जिले में 805 ऐसे मुकदमे हैं जिनकी विवेचना अटकी हुई है इसमें 105 विवेचनाएं छह माह से भी पुरानी हैं। इनके निस्तारण के लिए डीआइजी व एसपी निर्देश दे रहे हैं लेकिन नतीजा न के बराबर है। वहीं पीड़ित न्याय के लिए भटक रहे हैं। जिले में 32 लाख से अधिक की आबादी पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए 19 थाने बने हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 01:41 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 01:41 AM (IST)
विवेचनाओं के निस्तारण में फिसड्डी साबित हो रही पुलिस
विवेचनाओं के निस्तारण में फिसड्डी साबित हो रही पुलिस

महराजगंज: मुकदमा कराने के बाद पीड़ित को न्याय की आस रहती है, इसके लिए बाकायदा पुलिस विभाग ने भी आदेश जारी कर रखा है। नियम है कि 90 दिनों के भीतर मुकदमे की विवेचना पूरी कर केस डायरी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, लेकिन, यहां विवेचकों की मनमानी मानी जाए या फिर पहुंच वालों की दखल। जिसके कारण विवेचनाएं लंबित रह रहीं हैं।

जिले में 805 ऐसे मुकदमे हैं जिनकी विवेचना अटकी हुई है, इसमें 105 विवेचनाएं छह माह से भी पुरानी हैं। इनके निस्तारण के लिए डीआइजी व एसपी निर्देश दे रहे हैं लेकिन, नतीजा न के बराबर है। वहीं पीड़ित न्याय के लिए भटक रहे हैं। जिले में 32 लाख से अधिक की आबादी पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए 19 थाने बने हैं। हर माह औसतन सभी थानों में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज होते हैं। इनकी विवेचना खुद निरीक्षक भी करते हैं व उप निरीक्षकों को भी दी जाती है। अहम बात यह है कि दहेज उत्पीड़न व एससीएसटी एक्ट के साथ ही कई अन्य मुकदमों की विवेचना क्षेत्राधिकारी व क्राइम ब्रांच करती है। जिले में दो महत्वपूर्ण मामलों में धान खरीद घोटाला और 1.54 करोड़ के मनरेगा घोटाला मामले की विवेचना भी करीब पांच माह बाद पूरी नहीं हो सकी। इतना ही नहीं, विवेचक पारदर्शिता से जांच नहीं कर रहे हैं। अभी ऐसे ही एक हत्या के मामले में सीजेएम महराजगंज ने साक्ष्यों के अभाव में चार साल बाद मामले की पुर्नविवेचना के आदेश दिए हैं। आंकड़ों पर अगर ध्यान दिया जाए तो जिले के थानों में 105 से अधिक ऐसे मुकदमे हैं जो छह माह से अधिक के पुराने हैं लेकिन, अभी विवेचना पूरी नहीं हुई और न ही न्यायालय में रिपोर्ट पेश की गई। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि विवेचनाओं के शीघ्र निस्तारण के लिए थाना स्तर पर वादी-संवाद दिवस का आयोजन किया जा रहा है। पुराने मामलों के निस्तारण के लिए अभियान चलाया जाएगा। सदर सर्किल में लंबित हैं सर्वाधिक मामले

जिले में कुल लंबित विवेचनाओं की संख्या --805

सदर सर्किल - 292

निचलौल सर्किल- 201

नौतनवा सर्किल - 87

फरेंदा सर्किल - 120

छह माह से लंबित विवेचनाएं - 105

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