मनरेगा घोटाले के आरोपितों पर कसा पुलिस का शिकंजा
मास्टरमाइंड एपीओ विनय कुमार मौर्य ने बड़े ही चालाकी से परतावल ब्लाक के बरियरवा तालाब का मस्टररोल शून्य होने के बाद उसकी आइडी वन विभाग के पोर्टल पर ट्रांसफर कर 2587920 रुपये का भुगतान करा लिया था।
महराजगंज: महराजगंज के परतावल और घुघली ब्लाक में मनरेगा के नौ कार्यों में हुए 1.54 करोड़ रुपये घोटाला मामले में दो फर्म मालिकों समेत फरार आठ आरोपितों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस गिरफ्तारी के लिए छापेमारी के साथ ही साथ घोटाले में शामिल दोनों फर्म पर हुए अबतक के भुगतान का भी आंकड़ा खंगाल रही है। एसपी के अनुसार जल्द ही अन्य आरोपितों की भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
मास्टरमाइंड एपीओ विनय कुमार मौर्य ने बड़े ही चालाकी से परतावल ब्लाक के बरियरवा तालाब का मस्टररोल शून्य होने के बाद उसकी आइडी वन विभाग के पोर्टल पर ट्रांसफर कर 2587920 रुपये का भुगतान करा लिया था। इसकी जानकारी होने पर परतावल ब्लॉक के बीडीओ प्रवीण कुमार शुक्ला ने सदर कोतवाली में एपीओ विनय कुमार मौर्य, ठीकेदार दिनेश कुमार मौर्य, वन विभाग के सेवानिवृत्त एसडीओ घनश्याम राय, कंप्यूटर ऑपरेटर अरविद श्रीवास्तव और लिपिक बिद्रेश कुमार सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और आइटी एक्ट के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। उधर डीएफओ कार्यालय की एसडीओ चंदेश्वर सिंह ने भी अपने तीनों कर्मचारियों पर वन विभाग के पोर्टल से फर्जी तरीके से भुगतान पर एक गबन का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस इस मामले की जांच कर ही रही थी कि तभी एपीओ द्वारा घुघली ब्लॉक में उद्यान विभाग की मिलीभगत से 1.28 करोड़ रुपये के गोलमाल किए जाने की भी जानकारी मिल गई । इस तरह से दो ब्लॉक में कुल 1.54 करोड़ रुपये गोलमाल का पर्दाफाश हुआ। घुघली ब्लॉक में घोटाला पकड़े जाने पर पुन: प्रभारी बीडीओ प्रवीण कुमार शुक्ला ने एपीओ, ठीकेदार दिनेश मौर्य , घुघली ब्लॉक के कंप्यूटर ऑपरेटर यशवंत यादव, प्रदीप शर्मा ,शिवराम गुप्ता समेत फर्म अमन ट्रेडिग कंपनी व अंकित इंटरप्राइजेज के मालिक के खिलाफ दो और मुकदमे दर्ज कराए । इस मामले में जांच कर रही क्राइम ब्रांच व साइबर सेल की मदद से तीन दिन पूर्व पुलिस ने मास्टरमाइंड एपीओ और डीआरडीए के कंप्यूटर ऑपरेटर शिव राम गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फर्म को लेकर भी हुई है धोखाधड़ी
मनरेगा घोटाला में फर्म को लेकर भी धोखाधड़ी की गई है। इस घोटाले में शामिल अंकित इंटरप्राइजेज और अमन ट्रेडिग कंपनी फर्म में मटेरियल का भुगतान किया गया है। इसमें अमन ट्रेडिग कंपनी का जीएसटी नंबर भी पुलिस की जांच में फर्जी पाया गया है । दोनों फर्म के घोटाला में शामिल होने के बाद से पुलिस इनके मालिकों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है । आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है, गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच, कोतवाली पुलिस के साथ टेक्निकल टीम में साइबर सेल की टीम भी लगी हुई है। जल्द ही अन्य आरोपों की भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
-प्रदीप गुप्ता, पुलिस अधीक्षक महराजगंज