यातायात नियमों की लापरवाही पड़ रही भारी, तीन वर्ष में 611 मौतें

कोहरे के दौरान हुए हादसों के पिछले तीन वर्षो के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। 2018 से जिले में 611 लोगों की मौत हुई है। नौ सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 12:30 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 12:30 AM (IST)
यातायात नियमों की लापरवाही पड़ रही भारी, तीन वर्ष में  611 मौतें
यातायात नियमों की लापरवाही पड़ रही भारी, तीन वर्ष में 611 मौतें

महराजगंज: ठंड के दस्तक देते ही कोहरा भी बढ़ने लगा है। इसी के साथ दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ गया है। 15 दिनों के आंकड़े इसके प्रमाण हैं। इस अवधि में हुई दुर्घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। कोहरे के दौरान हुए हादसों के पिछले तीन वर्षो के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। 2018 से जिले में 611 लोगों की मौत हुई है। नौ सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं।

कोहरा हर वर्ष मुसीबत बनकर आता है। मार्ग दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। इस बार भी दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। दुर्घटनाओं को रोकने व कोहरा से जंग लड़ने के लिए शासन के निर्देश पर जिले में अभियान चलाकर लोगों को फाग लाइट व रेडियम टेप लगवाने के निर्देश तो दिए जा रहे हैं, लेकिन चालकों में गंभीरता नहीं दिख रही है। फाग लाइट लगवाएं, अपनी लेन में चलाएं वाहन

जिले के यातायात प्रभारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि दुर्घटना रोकने के लिए कोहरा में वाहनों पर फाग (पीली) लाइटें जरूर लगवा लें। इंडीकेटर जलाते रहें और अपनी लेन में चलें। स्पीड नियंत्रण में रखें तो दुर्घटनाएं रुकेंगी। उन्होंने कहा कि कार, बाइक, ट्रक एवं बसों पर रेडियम स्टीकर अवश्य लगे होने चाहिए। 26 साल बाद भी नहीं भूला घटना का दर्द

पनियरा थाना के बसडीला निवासी 52 वर्षीय सदानंद मद्धेशिया 26 वर्ष बाद भी दुर्घटना में मिले दर्द को याद कर सिहर उठते हैं। बताते हैं कि 28 जून 1994 को जिस बस में सवार थे, उस बस का चालक शराब के नशे में धुत था। श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के छपिया में अनियंत्रित हुई बस पलट गई। जिसमें एक की मौत और कुछ लोगों को गंभीर चोट आई थी। उस दुर्घटना में वह भी घायल हुए थे। काफी दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा। जब अस्पताल से छ़ुट्टी हुई तो दाहिना हाथ और दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया । उस बस चालक के शराब के नशे ने मुझे जिदगी भर का दर्द दे दिया। बाइक सवार की लापरवाही ने दिया दर्द

परतावल क्षेत्र के बनकटिया निवासी जगरनाथ यादव ने बताया कि बात 13 मार्च 2013 की है। जब मैं भिटौली क्षेत्र के भैंसी मोड़ पर पहुंचा तभी सामने से आ रही एक अनियंत्रित मोटरसाइकिल सवार ने ठोकर मार दिया। दुर्घटना में हेलमेट लगाने की वजह से सिर तो सुरक्षित रहा , लेकिन दाहिने पैर में गंभीर चोटें आई। उसका दर्द आज भी है। दाहिने पैर में हुआ घाव आज तक नहीं सही हुआ और पैर पूरी तरह से सुन्न हो गया। वर्षवार मौत व घायलों का आंकड़ा

वर्ष मौत घायल

2018 229 321

2019 210 453

अक्टूबर 2020 172 216

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