गांवों के लिए जन उपयोगी परियोजनाओं को करें चिह्नित : सीडीओ
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि योजना में चयनित गांवों के सेक्रेटरी उन परियोजनाओं को चिह्नित करें जो लोगों के लिए उपयोगी हों और जिनको इस योजना के अंतर्गत लिया जा सकता है। साथ ही परफार्मेस ग्रांट योजना में वर्णित कोई भी योजना छूटने न पाए।
महराजगंज: मुख्य विकास अधिकारी गौरव सिंह सोगरवाल की अध्यक्षता में परफार्मेस ग्रांट योजना की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई, जिसमें परफार्मेस ग्रांट योजना के तहत चयनित गांवों में संचालित होने वाली परियोजनाओं के चयन, उनके टेंडर, उपकरणों की खरीद आदि पर चर्चा की गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि योजना में चयनित गांवों के सेक्रेटरी उन परियोजनाओं को चिह्नित करें, जो लोगों के लिए उपयोगी हों और जिनको इस योजना के अंतर्गत लिया जा सकता है। साथ ही परफार्मेस ग्रांट योजना में वर्णित कोई भी योजना छूटने न पाए, अन्यथा संबंधित अधिकारी जवाबदेह होंगे। परियोजनाओं के चयन और क्रियान्वयन में कायाकल्प परियोजनाओं को प्राथमिकता दें। मुख्य विकास अधिकारी ने ग्राम सचिवों को निर्देश दिया कि परफार्मेस ग्रांट रजिस्टर अवश्य बना लें, ताकि योजना के लिए मिलने वाले धन का दुरुपयोग न होने पाए। नियमानुसार और बेहतर टेंडर सर्वोच्च प्राथमिकता में हों, ताकि होने वाले कार्य गुणवत्तापूर्ण हों और अनियमितता की गुंजाइश न हो। इसमें टेक्निकल सपोर्टर पूरी सहायता करें और आवश्यक होने पर नोडल अधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों की सहायता लें। सभी संबंधित अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि योजना के तहत खरीदे जाने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरणों की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हो। बैठक में पीडी राजकरण पाल, डीसी (मनरेगा) अनिल कुमार चौधरी, डीआइओएस अशोक कुमार सिंह समेत सभी नोडल अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
कर चोरी रोकने के लिए के लिए नियमों के तहत करें कार्य
महराजगंज: कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी गौरव सिंह सोगरवाल की अध्यक्षता में जीएसटी के टीडीएस कटौती के संबंध में समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि कर चोरी रोकने के लिए नियमों के तहत कार्य करें, तभी इस पर अंकुश लगाया जा सकता है।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विभागों के आहरण-वितरण अधिकारियों से कहा कि स्टेट जीएसटी व्यवस्था में धारा-51 के अंतर्गत कोई केंद्र या राज्य सरकार के विभाग, स्थानीय प्राधिकरण, राजकीय या सरकारी एजेंसी जब किसी सप्लायर, कॉन्ट्रेक्टर, व्यक्ति या फर्म को कोई धनराशि भुगतान करती है और अनुबंध की राशि जीएसटी घटाकर 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तब विभाग कुल दो प्रतिशत की टीडीएस कटौती करेंगे। इससे करचोरी को रोका जा सकेगा और सभी भुगतान पारदर्शी तरीके से सम्पन्न होंगे। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विभागों से इन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। बैठक में डीसी वाणिज्य कर आरपी चौरसिया, डीआइओएस अशोक कुमार सिंह, जिला आबकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार पांडेय तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहें।