जलनिकासी ध्वस्त, पानी में डूबीं सड़कें
महराजगंज पिछले एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही बारिश से नगर पालिका क्षेत्र के वार्डो मे
महराजगंज: पिछले एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही बारिश से नगर पालिका क्षेत्र के वार्डो में जलनिकासी की पोल खुल गई।
बुधवार को भी पूरे दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही। भारी बारिश से सरकारी कार्यालयों समेत कई मोहल्लों में पानी भर गया। सरकारी कार्यालयों से पानी निकालने के लिए पूरे दिन नगर पालिका कर्मचारी पिकअप पर पंपिगसेट लेकर दौड़ते रहे। मोहल्लों में भी जलनिकासी व्यवस्था फेल रही और सड़कों पर पानी लग जाने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जलभराव में तमाम लोगों के वाहन भी फंस गए, जिसे निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
शहर से लेकर गांवों तक में जगह-जगह सड़कों पर जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है। तमाम सड़के पहले से ही क्षतिग्रस्त थीं, ऐसे में गढ्डों में बारिश का पानी भर जाने से समस्या और भी बढ़ गई है। जलनिकासी व्यवस्था ध्वस्त होने के कारण वार्डों समेत आफिसर कालोनी, एनएच के सर्विस लेन, सदर कोतवाली कार्यालय, जिला उद्योग कार्यालय, आबकारी कार्यालय परिसर सहित अन्य दुकानों में भी पानी घुस गया। सरकारी कार्यालयों पर जलनिकासी के लिए नगर पालिका ने पंपिंग सेट की व्यवस्था की।
एसडीएम सांईतेजा सीलम ने कोतवाली के सामने नाले का निरीक्षण किया, उन्होंने उसकी सफाई कराकर जलनिकासी सुनिश्चित करने के लिए नगर पालिका को निर्देशित किया।
बाल्मीकि नगर बैराज के खोले गए 36 फाटक
झुलनीपुर : नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे सीमा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बाल्मीकि नगर बैराज के 36 फाटक खोल दिए गए हैं। बुधवार को अधीक्षण अभियंता निर्माण मंडल बहराइच एसके प्रियदर्शी व ओम विनय कुमार ने नेपाल बांध एवं बी गैप बांध पर बने ठोकरों को देखा। इस दौरान सिचाई खंड द्वितीय महराजगंज के अधिशासी अभियंता राजीव कपिल ने उन्हें बांध से संबंधित जानकारी दी। अधिशासी अभियंता ने बताया कि बुधवार को नदी में चार लाख 15 हजार क्यूसेक जलस्तर है। नदी में जलस्तर बढ़ रहा है। जिसका दबाव ठोकर संख्या 13 एवं नेपाल बांध के ठोकर संख्या 3 पर बना हुआ है। नारायणी नदी की क्षमता 7.5 लाख क्यूसेक है। जिससे अभी खतरे की स्थिति नहीं है। लेकिन वर्तमान समय मे पांच लाख क्यूसेक से ऊपर जलस्तर पहुंचा तो बांध को क्षति पहुंचा सकती है। उन्होंने बताया कि पहाड़ों पर हुई लगातार बारिश की वजह से नदी का जलस्तर बड़ा है , लेकिन बांध एवं ठोकर सुरक्षित हैं। सहायक अभियंता अनिल कुमार सिंह, रमेश यादव, अवर अभियंता रविद्र यादव, बसंत यादव, राजनारायण तिवारी आदि उपस्थित रहे।