श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा सुन भावविभोर हुए श्रोता

रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 07:35 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 07:35 PM (IST)
श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा सुन भावविभोर हुए श्रोता
श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा सुन भावविभोर हुए श्रोता

महराजगंज: घुघली विकास खंड के भैंसी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन की कथा प्रारंभ करते हुए कथा वक्ता ब्रह्मानंद पांडेय ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इसमें कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व साम‌र्थ्य के साथ आक्रमण किया है, लेकिन वह भगवान को पराजित नहीं कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है। गोपी गीत पर बोलते हुए व्यास ने कहा जब तब जीव में अभिमान आता है, भगवान उनसे दूर हो जाते है, लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते हैं, उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ, लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन किया गया। इस मौके पर शिवपरसन वर्मा, शैलेन्द्र वर्मा नरेंद्र वर्मा,राजू वर्मा, विवेक वर्मा, सुखपाल वर्मा, बैजनाथ गुप्ता, सुग्रीव शर्मा, नानकचंद चौरसिया, आकाश कन्नौजिया, जितेन्द्र शर्मा, रामाश्रय, रीता, निर्मला, सुनीता इत्यादि लोग मौजूद रहे।

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