संयुक्त परिवार का सहारा, यहां कोरोना भी हारा
परिवार साथ हो तो किसी भी संकट को हराया जा सकता है। अगर संयुक्त परिवार हो तो कई गु
महराजगंज : परिवार साथ हो तो किसी भी संकट को हराया जा सकता है। अगर संयुक्त परिवार हो तो कई गुनी ताकत संग धूल चटाई जा सकती है। हरपुर के व्यवसायी हनुमान प्रसाद गुप्ता की अगुवाई में पांच भाइयों व तीन पीढि़यों का परिवार इसका उदाहरण है। 41 सदस्यों का यह परिवार न केवल संगठित रहने का सबक देता है, बल्कि कोरोना से जंग में सावधानी बरतने की मिसाल भी है। किराना और कृषि जैसे आवश्यक सेवा में आने वाले कारोबार के कारण पुरुषों का बाहर आना-जाना मजबूरी है, लेकिन पहली लहर हो या दूसरी, यह परिवार सावधानी के बल पर कोरोना को पटखनी देता रहा है।
हनुमान प्रसाद गुप्ता व उनके चार छोटे भाइयों भगवानदास, ज्ञानदास, सूर्यपाल व महेश का परिवार एक छत के नीचे रहता है। चूल्हा-चौका एक में है, भोजन भी सब एक साथ करते हैं। अनुशासन इतना कि सारा कम समय पर होता है। घर के काम महिलाएं मिलकर करती हैं। मुखिया के तौर पर हनुमान प्रसाद सबकी जरूरत का ख्याल रखते हैं। किराना दुकान, राइस मिल, हार्वेस्टर, कंबाइन के साथ 32 एकड़ खेती आय के साधन हैं। पारंपरिक के साथ प्रगतिशील खेती भी होती है। हनुमान प्रसाद ने बताया कि दुर्योग से एक पखवारे पूर्व छोटे भाई भगवान दास की देह शांत हो गई। उन्हें मधुमेह था और हार्ट अटैक हो गया, लेकिन हमारा परिवार एक साथ खड़ा है। यही हमारी ताकत है। हम तीन पीढि़यों से साथ रह रहे हैं। आने वाली पीढ़ी भी एकसाथ रहे, भगवान से यही प्रार्थना है। वह कहते हैं कि संयुक्त परिवार सभी सदस्यों को ताकतवर बनाता है। परिवार के सदस्यों में समन्वय और संतोष हो तो कोई परिवार नहीं टूटेगा। कारोबार संग पढ़ाई से भी नाता
भगवानदास के पुत्र शैलेश एमकाम, बीएड पास हैं तो ज्ञानदास के बेटे रविकुमार एमबीए। हनुमान दास के पौत्र सच्चिदानंद बीएएमएस कर रहे तो पौत्री जीएनएम। काढ़ा, योग और सावधानी हथियार
हनुमान प्रसाद कहते हैं कि कोविड प्रोटोकाल का पालन सभी के लिए जरूरी है। जरूरत पर ही बाहर जाते हैं। आने पर सैनिटाइज होकर घर में घुसते हैं। नहाकर ही परिवार के साथ बैठते हैं। बिना मास्क पहने निकलना मना है। दिन की शुरुआत सुबह पांच बजे काढ़ा पीकर होती है। इम्यूनिटी बेहद जरूरी है, इसलिए वह अपने साथ पूरे परिवार को योग कराने लगे।