पुलिसकर्मियों के आवास जर्जर, खतरे में जान
निष्प्रयोज्य आवासीय भवन में रहने को मजबूरी बारिश में छत टपकने के साथ ही पूरे परिसर में भर जाता है पानी
जागरण संवाददाता, महराजगंज: कोतवाली परिसर स्थित जर्जर आवासों में रहने वाले पुलिसकर्मियों के स्वजन परेशान हैं। जर्जर आवास खतरनाक बन गए हैं। थोड़ी सी बारिश होने पर छत टपकने लगती है। पूरे परिसर में पानी भर जाता है। कार्यालय के बाहर जलभराव हो जाता है।
साफ सफाई न होने के कारण झाड़ियां उग गई हैं। गंदगी और बदबू से जीना दूभर हो गया है। भवनों की हालत देखकर पुलिसकर्मी व स्वजन असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि कई बार ध्यान दिलाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। परिसर में ही एएसपी के साथ दो थानेदार भी निवास करते हैं।
सदर थाना कोतवाली की स्थापना 1905 में हुई थी। आवास भी उसी समय के बने हैं। कोतवाली में कुल 194 पुलिसकर्मियों की तैनाती है। 25 फीसद पुलिसकर्मियों के लिए आवास उपलब्ध हैं और सभी जर्जर हो चुके हैं। इन्हे निष्प्रयोज्य भी घोषित किया जा चुका है। पिछले वर्ष आइजी गोरखपुर ने निरीक्षण कर जर्जर आवास खाली कराने का निर्देश दिया था, लेकिन उसे खाली भी नहीं कराया गया। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने कहा कि कोतवाली में साफ-सफाई को लेकर निर्देश दिए गए हैं। जर्जर आवास में रहने वाले पुलिसकर्मियों को वहां से हटवाया जाएगा। नए आवास बनाने का भी प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
पुल का अप्रोच धंसा, ग्रामीणों का प्रदर्शन
निचलौल ब्लाकक्षेत्र के ग्राम घोड़नर टोला श्रीनगर के निकट मुख्य मार्ग पर बने पुल का अप्रोच शुक्रवार को धंस गया। इसे लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार को किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजू कुमार गुप्ता ने नेतृत्व में प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन से अप्रोच की मरम्मत कराने की मांग की। मरम्मत कार्य में लापरवाही बरतने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। राजू कुमार गुप्ता ने कहा कि इस मार्ग पर रोडवेज की दो बसें चलतीं हैं। चंदा गुलभार, चरभरिया, डोमा, बढ़या, झुलनीपुर, जहदा, कमता, सोहट, भारत खंड पकड़ी सहित अन्य गांवों के ग्रामीण इसी मार्ग से जिला मुख्यालय सहित अन्य जगहों पर पहुंचते हैं। ग्राम प्रधान वाहिद अली, सुनील गुप्ता, अरुण सिंह, प्रमोद मिश्रा, इम्तियाज अली, जावेद अंसारी, रोहित शुक्ला, आलम अंसारी आदि मौजूद रहे।