महाव तटबंध की शीघ्र कराएं मरम्मत : रविद्र प्रताप

उपाध्यक्ष ने कहा कि महाव तटबंध की मरम्मत जल्द से जल्द करा दिया जाए जिससे आने वाले समय में भारी बारिश से बचाव किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का भी निर्देश है कि दैवी आपदा की स्थिति में अधिकारीगण तत्परता से कार्य करें ताकि आपदा से होने वाली क्षति से लोगों को बचाया जा सके।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 01:48 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 01:48 AM (IST)
महाव तटबंध की शीघ्र कराएं मरम्मत : रविद्र प्रताप
महाव तटबंध की शीघ्र कराएं मरम्मत : रविद्र प्रताप

महराजगंज: महाव तटबंध टूटने के 43 दिन बाद भी सिचाई खंड दो द्वारा उसकी मरम्मत न कराए जाने का संज्ञान राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ के उपाध्यक्ष ले. जनरल रविन्द्र प्रताप शाही ने लिया है। कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा बैठक में उन्होंने इस लापरवाही पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए शीघ्र मरम्मत कराए जाने का निर्देश दिया है।

उपाध्यक्ष ने कहा कि महाव तटबंध की मरम्मत जल्द से जल्द करा दिया जाए, जिससे आने वाले समय में भारी बारिश से बचाव किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का भी निर्देश है कि दैवी आपदा की स्थिति में अधिकारीगण तत्परता से कार्य करें, ताकि आपदा से होने वाली क्षति से लोगों को बचाया जा सके। इसके अलावा आपदा से होने वाली क्षति की जांच व सत्यापन शीघ्रता पूर्वक कराते हुए शासन द्वारा मिलने वाली राहत व अनुदान को समय उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दामिनी एप से स्वंय को जोड़ते हुए अपने अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी को भी जोड़ें तथा ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रचार-प्रसार कराएं। यह एप भारी बारिश, आकाशीय बिजली, भूकम्प की आने की सूचना देती है। ऐसी स्थिति में सभी को जानकारी प्राप्त होने से स्वयं का बचाव के साथ अन्य का भी बचाव हो सकता है। उन्होंने सीएमओ को निर्देशित किया कि जीवन रक्षक दवाओं की समुचित उपलब्धता बनाए रखें, जिससे आपदा के समय किसी प्रकार की परेशानी न हो।

जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार ने बाढ़ से बचाव के लिए किए गए तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जनपद में बचाव राहत तथा बंधों के निरीक्षण के लिए चार जोनल, 19 सेक्टर समन्वयक तथा 36 सहायक समन्वयक अधिकारी नामित किए गए हैं। 78 गांव के सापेक्ष 231 गोताखोर व तैराकों की व्यवस्था की गई है। 29 बाढ़ चौकी के लिए 276 गांव को संबद्ध किया गया। इसी प्रकार 24 खाद्यान्न वितरण स्थल, 18 पशु शरणालय, 19 राहत शिविर, 120 नाव, 182 नाविक, 83 गांव में 810 आपदा मित्र /सहयोगी, आपदा के हेलीपैड व एअर डापिग की व्यवस्था के लिए स्थान चिह्नित कर लिया गया है।

जिलाधिकारी ने उपाध्यक्ष को आश्वस्त किया कि दिए गए निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता, अपर जिलाधिकारी कुंज बिहारी अग्रवाल, सीएमओ डा. अशोक श्रीवास्तव, एसडीएम सदर साईं तेजा सिलम, फरेंदा अभय कुमार गुप्ता, निचलौल प्रमोद कुमार, नौतनवा रामसजीवन मौर्य, अपर उप जिलाधिकारी अविनाश कुमार, सभी तहसीलदार, अधिशासी अभियंता राजीव कपिल, डीडीओ जगदीश त्रिपाठी, डीआइओएस अशोक कुमार सिंह आदि अधिकारी उपस्थित रहे।

दो स्थानों पर शुरू हुआ महाव के टूटे तटबंध का मरम्मत कार्य

महराजगंज: पांच स्थानों पर तटबंध को तोड़कर तबाही मचा रहे महाव नाले के दो स्थानों पर टूटे कटान स्थलों को भरने का कार्य अंतत: शुरू हो गया है। नाले के झिगटी व खैरहवा दुबे गांव के सामने टूटे तटबंध की मरम्मत के लिए मनरेगा श्रमिक काम पर लगा दिए गए हैं। जागरण पांच स्थानों पर टूटे महाव तटबंध से जुड़ी खबर को लगातार प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा था। खबर का संज्ञान लेने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारी तटबंध मरम्मत से जुड़ी तैयारियों में जुट गए हैं।

महाव नाले का तटबंध बीते 15 जून से खैरहवा दुबे, अमहवा व विशुनपुरा गांवों के सामने चार स्थानों पर टूटा हुआ है। जबकि आठ जुलाई से झिगटी गांव के सामने तटबंध टूटा हुआ है। कटान स्थलों के रास्ते नाले का पानी फैलने से किसानों की सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है। तटबंध की मरम्मत में हो रही देरी से बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को तमाम तरह की दुश्वारियां झेलनी पड़ रही थी। झिगटी गांव के ग्राम प्रधान आसिफ मलिक व खैरहवा दुबे गांव के चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि टूटे तटबंध की मरम्मत के लिए मनरेगा श्रमिकों को काम पर लगा दिया गया है। हालांकि अमहवा व विशुनपुरा गांव के सामने टूटे तटबंध का मरम्मत कार्य 45 दिन बाद भी शुरू नहीं हो पाया है।

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