टीबी के संभावित मरीजों को चिह्नित कर कराएं जांच

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय ने कहा कि जागरूकता से ही टीबी रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है। इसके लिए सभी को जागरूक करें। अधिक से अधिक टीबी के संभावित मरीजों को चिह्नित कर उनकी जांच कर इलाज किया जाए ताकि जनपद को टीबी से मुक्त किया जा सके।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 01:08 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 01:08 AM (IST)
टीबी के संभावित मरीजों को चिह्नित कर कराएं जांच
टीबी के संभावित मरीजों को चिह्नित कर कराएं जांच

महराजगंज: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को जिला अस्पताल के सभागार में संवेदीकरण बैठक का आयोजन किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय ने कहा कि जागरूकता से ही टीबी रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है। इसके लिए सभी को जागरूक करें। अधिक से अधिक टीबी के संभावित मरीजों को चिह्नित कर उनकी जांच कर इलाज किया जाए, ताकि जनपद को टीबी से मुक्त किया जा सके। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करना है। यह सब तभी संभव हो सकेगा, जब सभी चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी इसे अभियान के रूप में लेकर कार्य करेंगे। मरीज टीबी की बीमारी को छिपाएं नहीं। बल्कि इसके बारे में बताएं और समय से इलाज कराएं। टीबी की दवा चिकित्सक के परामर्श से नियमित लेते रहें। जिला अस्पताल में इसकी जांच की निश्शुल्क सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों को पोषण के लिए इलाज के दौरान सरकार की तरफ से प्रत्येक माह पांच सौ रुपये दिए जाते हैं। डब्लूएचओ के कंसलटेंट डा. सौरभ ने टीबी के लक्षण और जांच के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तार से बताया। उन्होंने आमजन को सुझाव दिया कि टीबी मरीजों के साथ भेदभाव न बरतें। उनका हौसला बढ़ाते रहें, ताकि वह अपने आपको बीमार व असहज न महसूस करें। इस दौरान डा. एम भाष्कर, डा. प्रमोद कुमार, डा. रंजन प्रताप, डा. राजीव यादव, डा. रंजन मिश्रा, डा. विशाल चौधरी आदि कई चिकित्सक उपस्थित रहें। यह है टीबी के लक्षण

14 दिनों से अधिक समय से बुखार, सांस फूलना, सीने में दर्द रहना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख कम लगना, वजन का घटना, बच्चों में वजन का न बढ़ना, रात में पसीना आना।

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