जर्जर आवास में रहने को मजबूर हैं वन विभाग के कर्मचारी

उप प्रभागीय वनाधिकारी फरेंदा व कैंपियरगंज दोनों रेंज को देखते हैं। इसी परिसर में उनका कार्यालय व आवास भी है। इसके साथ ही वन क्षेत्राधिकारी फरेंदा फारेस्ट गार्ड वाचर सहित कई कर्मचारियों का आवास भी हैं जिसमें कई भवन जर्जर हो गया हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 01:05 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 01:05 AM (IST)
जर्जर आवास में रहने को मजबूर हैं वन विभाग के कर्मचारी
जर्जर आवास में रहने को मजबूर हैं वन विभाग के कर्मचारी

महराजगंज: वन विभाग फरेंदा कार्यालय परिसर में वन क्षेत्राधिकारी व उप प्रभागीय वनाधिकारी का कार्यालय व आवास स्थित है। अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए परिसर में भवन व आवास जर्जर हो गए हैं। कभी यहां फारेस्ट गार्ड की ट्रेनिग हुआ करती थी। ट्रेनिग में आने वाले रेंजर व ट्रेनर के लिए भी आवास की व्यवस्था थी। 1990 के आसपास यहां से ट्रेनिग सेंटर को बंद कर दिया गया। जिसके बाद से ही उन भवन व कार्यालय रखरखाव के अभाव में जर्जर हो गया। इस कार्यालय के चारों तरफ बाउंड्री लगाई गई है और दो गेट भी लगा हुआ है। लेकिन उप प्रभागीय वनाधिकारी के आवास के बगल की चारदीवारी गिर गई है। इतना ही नहीं परिसर में एक भव्य पोखरा भी स्थित है। वह साफ सफाई के अभाव में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

उप प्रभागीय वनाधिकारी फरेंदा व कैंपियरगंज दोनों रेंज को देखते हैं। इसी परिसर में उनका कार्यालय व आवास भी है। इसके साथ ही वन क्षेत्राधिकारी फरेंदा, फारेस्ट गार्ड, वाचर सहित कई कर्मचारियों का आवास भी हैं, जिसमें कई भवन जर्जर हो गया हैं। उसी भवन में लोग रहने को मजबूर हैं। जबकि अन्य कर्मचारी किसी तरह से आवास को मरम्मत करा कर उसमें निवास कर रहे हैं। जबकि अन्य कई आवास पूरी तरह जर्जर और स्वस्थ हो चुके हैं।

इस संबंध में उप प्रभागीय वनाधिकारी फरेंदा प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि नए आवास के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अभी जल्द ही तीन आवास निर्माण कराया गया हैं। बाकी आवास के लिए पत्राचार किया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी