फाइलेरिया: 27 लाख को खिलाई जाएगी दवा
महराजगंज फाइलेरिया या हाथी पांव बीमारी को समाप्त करने के उद्देश्य से जिले में 17 फरवरी से
महराजगंज: फाइलेरिया या हाथी पांव बीमारी को समाप्त करने के उद्देश्य से जिले में 17 फरवरी से 29 फरवरी तक अभियान चलाकर घर-घर लोगों का फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए माइक्रोप्लान तैयार कर लिया है। अभियान के तहत 2718600 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए कुल 2175 टीमें बनाई गई हैं, जिसमें 4350 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई हैं। जबकि पर्यवेक्षण के लिए 362 सुपरवाइजरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अभियान की सफलता के लिए शिक्षा, पंचायत, विकास विकास, ग्राम प्रधानों एवं स्वयं सेवी संगठनों से भी सहयोग लिया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी त्रिभुवन चौधरी ने कहा कि दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर रोग से ग्रसित, अति वृद्धि व्यक्तियों को दवा नहीं खिलानी है। अन्य को भी खाली पेट दवा नहीं खानी है। खाना के बाद ही दवा खाया जाए और एल्बेंडाजोल की गोली को चबाकर खाएं।
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इन लक्षणों को हल्के में न लें
फाइलेरिया से शुरुआत में कोई लक्षण महसूस नहीं होते। समस्याएं तब शुरू होती हैं, जब शरीर में वयस्क कीड़े मर जाते हैं। बीमारी से गुर्दे प्रभावित हो जाते हैं। पैरों व शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन, स्तन और जननांग में सूजन, त्वचा पर लाल चकत्ते, त्वचा के रंग में बदलाव, रिवर ब्लाइंडनेस, पेट में दर्द आदि परेशानियां होने लगती हैं। लंबे समय तक सूजन से शरीर में विकलांगता आ जाती है।
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बीमारी से बचने के उपाय
- ठंडे कमरे में सोएं।
- मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
- मच्छरों से बचने के लिए त्वचा पर दवाइयों का उपयोग करें।
- क्षेत्र में ऐसी सूक्ष्म कीड़ों को मारने वाली दवाइयों का छिड़काव करें।
- बीमारी के लक्षण नजर आने पर योग्य चिकित्सक को दिखाएं।
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इन्हें खिलाई जाएगी खुराक
आयु वर्ग डीइसी दवा एल्बेंडाजोल
2 से 5 वर्ष 1 1
6 से 14 वर्ष 2 1
15 वर्ष व इससे अधिक 3 1
(नोट शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खानी है।)