समितियों पर खाद की किल्लत, भटक रहे किसान
जिले में खाद की उपलब्धता के लिए कुल 96 सहकारी समितियों सहित 88 उर्वरक केंद्रों से किसानों को खाद की उपलब्धता होती है। वर्तमान समय में धान की कटाई के बाद किसानों को दलहन तिलहन और रबी की फसल के लिए खेत को तैयार करने में डीएपी की जरूरत पड़ेगी। कुछ किसान समय पूर्व ही खाद की खरीदारी कर लेते हैं। जिससे कि उनको ससमय खेती में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
महराजगंज: सहकारी समितियों पर खाद नहीं पहुंचने की वजह से किसान परेशान हैं। धान की कटाई के बाद खेत तैयार करने के लिए खाद की आवश्यकता पड़ती है। जिले के आधे से अधिक साधन सहकारी समितियों पर उर्वरकों का टोटा है। हालांकि विभाग गोदाम फुल होने का दावा कर रहा है, लेकिन किसानों को तो तभी खाद मिलेगी जब समितियों पर उसकी उपलब्धता हो सकेगी।
जिले में खाद की उपलब्धता के लिए कुल 96 सहकारी समितियों सहित 88 उर्वरक केंद्रों से किसानों को खाद की उपलब्धता होती है। वर्तमान समय में धान की कटाई के बाद किसानों को दलहन, तिलहन और रबी की फसल के लिए खेत को तैयार करने में डीएपी की जरूरत पड़ेगी। कुछ किसान समय पूर्व ही खाद की खरीदारी कर लेते हैं। जिससे कि उनको ससमय खेती में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। लेकिन समितियों पर अभी तक खाद नहीं पहुंचने से किसानों को परेशानी हो रही है। कोठीभार संवाददाता के अनुसार क्षेत्र के साधन सहकारी बेलभरिया, करमही, देउरवा आदि जगहों पर अभी भी खाद का कही पता नहीं है। किसान प्राइवेट दुकानों से खाद खरीद कर ले जा रहें हैं। जिससे किसानों को खाद का दाम भी अधिक देना पड़ रहा है। क्षेत्र के किसान राजेश चौधरी, सत्य नरायण प्रजापति, उमर खान, जयदेव तिवारी, राहुल मिश्रा, सुनील रावत आदि लोगो ने खाद की समस्या दूर करने की मांग की है। ''जिले में खाद की किल्लत नहीं है। पीसीएफ के गोदाम में कुल 3700 मीट्रिक टन डीएपी और 1200 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। समितियों पर खाद न पहुंचने की शिकायतें मिली हैं जल्द ही सभी समितियों पर खाद उपलब्ध कराने का प्रबंध किया जाएगा।
सवींद्र सिंह, सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक सहकारिता