नेपाल सीमा पर चल रहा नशीली दवाओं का कारोबार

कैरियरों के माध्यम से नेपाल पहुंच रहीं भारतीय दवाएं

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 06:23 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 06:23 PM (IST)
नेपाल सीमा पर चल रहा नशीली दवाओं का कारोबार
नेपाल सीमा पर चल रहा नशीली दवाओं का कारोबार

महराजगंज: भारत-नेपाल सीमा पर इन दिनों नशीली दवाओं का कारोबार चल रहा है। सीमा सील होने के बाद भी तस्कर पगडंडी रास्तों के सहारे दवाओं को नेपाल पहुंचा रहे हैं। सोमवार को एसएसबी व पुलिस की संयुक्त टीम ने ठूठीबारी कस्बे में की गई छापेमारी में साढ़े पांच लाख की प्रतिबंधित दवाओं की बरामदगी के बाद इस काले कारोबार का भंडाफोड़ हो गया है। नेपाल से लगी सोनौली, भगवानपुर, बरगदवा, परसामलिक, ठूठीबारी कस्बे में नशीली दवाएं बिना लाइसेंस के बेची जा रहीं हैं।

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नेपाल में अधिक दाम पर बिकती हैं नशीली दवाएं:

नेपाल में नशीली दवाएं महंगे दामों पर बिकती हैं। इन दवाओं का भारत के मुकाबले तीन से चार गुना अधिक मूल्य मिलता है। सीमा पर मेडिकल स्टोर की दुकान किए लोगों की यही मंशा होती है कि नशीली दवाओं को नेपाल पहुंचाया जाए। इसके लिए तस्करों का पूरा नेटवर्क कार्य करता है। कैरियरों के माध्यम से दवाएं पगडंडी रास्तों से नेपाल तक पहुंच जाती हैं।

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बिना नारकोटिक्स लाइसेंस बिक रहीं दवाएं:

नशीली दवाओं को बेचने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नारकोटिक्स का अलग लाइसेंस बनाया जाता है। लेकिन, सीमा पर संचालित अधिकांश दुकानदारों द्वारा सामान्य लाइसेंसों पर ही नशीली दवाएं बेची जा रहीं हैं। स्पा‌र्क्स प्राक्सीवान, नारफीन, ओरेक्स, एमीसेट , वैनडेक्स, फेनरगान, कोको, कास्कोडिन, नाइट्रावेट, फोर्टविन आदि दवाएं खुलेआम सीमावर्ती दुकानों पर बिकती हैं।

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स्वास्थ्य विभाग में पैठ बनाएं हैं कारोबारी:

सीमा पर दवा का कारोबार करने वाले लोगों की स्वास्थ्य महकमे में गहरी पैठ है। विभाग जब भी छापेमारी की योजना बनाता है, उनकी खबर कारोबारियों को लग जाती है। वह मेडिकल स्टोर से नशीली दवाओं को हटा बच निकलते हैं।

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पड़ोसी देश नेपाल को दवाओं की तस्करी न हो, इसके लिए विभाग द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है। जहां तक बिना लाइसेंस नशीली दवाओं के बेचने का सवाल है , इसकी जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डा. एके श्रीवास्तव, सीएमओ, महराजगंज

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