शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु, जलाभिषेक कर मांगा आशीष

शहर के सिचाई कालोनी कटहरा जंगल व पड़री गौनरियाबाबू हरपुरमंहत लक्ष्मीपुर शिवाला महादेव मंदिर छपिया किशुनपुर महादेईया बैकुंठीनदी पर स्थित मंदिर बउरहवा बाबा रामजानकी मंदिर गुरलीघाट पुराना शिव मंदिर आदि पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 01:09 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 01:09 AM (IST)
शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु, जलाभिषेक कर मांगा आशीष
शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु, जलाभिषेक कर मांगा आशीष

महराजगंज: भोले भंडारी का प्रिय माह सावन रविवार से शुरू हो गया। सावन के प्रथम दिवस पर शिवालयों पर आस्था का सैलाब उमड़ा। शंख व घंट-घड़ियाल की ध्वनि के बीच हर-हर महादेव के जयकारे से शिवालय गूंजता रहा। श्रद्धा के इस तट पर श्रद्धालु नतमस्तक रहे। आराधना और उपासना के बीच शिवलिग पर श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।

शहर के सिचाई कालोनी, कटहरा जंगल व पड़री, गौनरियाबाबू, हरपुरमंहत, लक्ष्मीपुर शिवाला, महादेव मंदिर छपिया, किशुनपुर, महादेईया, बैकुंठीनदी पर स्थित मंदिर, बउरहवा बाबा, रामजानकी मंदिर, गुरलीघाट पुराना शिव मंदिर आदि पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा। श्रद्धालु दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक आदि से भगवान भोले नाथ की पूजा अर्चना किए। इस दौरान पूरे दिन शिवालयों पर जय-जयकार होती रही। कई शिव मंदिरों पर जगराता का भी आयोजन किया गया। शिकारपुर, घुघली, भिटौली, श्यामदेउरवा, हरपुर, मंगलपुर, पनियरा, खुशहालनगर आदि संवाददाताओं के अनुसार इन क्षेत्रों में भी श्रद्धा के साथ सावन पर्व मनाया गया।

निचलौल कार्यालय के अनुसार मिनी बाबा धाम के नाम से विख्यात ईटहिया स्थित पंचमुखी शिव मंदिर पर श्रावण मास के प्रथम दिन रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बोल बम के नारों के बीच शिवलिग पर जलाभिषेक किया। रविवार की भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जो लगी तो दोपहर तीन बजे तक जारी रहा। मंदिर में प्रवेश के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए बांस बल्ली की अलग-अलग रेलिग लगाकर अलग-अलग मार्ग बनाए गए हैं। मंदिर के मुख्य गेट पर दो फीट गहरा और 12 फीट लंबा तथा आठ फीट चौड़ा कुंड बनाकर जल भरा गया है, जिस पर ऊपर से लोहे की जाली लगी हुई है। इस कुंड में प्रवेश करके ही लोगों को मंदिर परिसर में जाने की अनुमति है। कोविड को देखते हुए मंदिर परिसर में मेले की अनुमति नहीं है, लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं के पहुंचने से मंदिर परिसर गुलजार है।

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