हिस्ट्रीशीटर की हत्या में 9 एमएम का इस्तेमाल
हिस्ट्रीशीटर जितेंद्र यादव की हत्या में सुपारी किलर की ओर से प्रतिबंधित बोर 9एमएम पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। आम तौर पर इस असलहे व कारतूस की सप्लाई सरकारी महकमे में होती है। बदमाशों ने जितेंद्र को करीब से तीन गोली मारी थी। पोस्टमार्टम के बाद जितेंद्र के शरीर से तीन कारतूस बरामद हुआ था।
महराजगंज: हिस्ट्रीशीटर जितेंद्र यादव की हत्या में सुपारी किलर की ओर से प्रतिबंधित बोर 9एमएम पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। आम तौर पर इस असलहे व कारतूस की सप्लाई सरकारी महकमे में होती है। बदमाशों ने जितेंद्र को करीब से तीन गोली मारी थी। पोस्टमार्टम के बाद जितेंद्र के शरीर से तीन कारतूस बरामद हुआ था। इसमें 32 बोर के दूसरे असलहे का भी इस्तेमाल किया गया था। सात अक्टूबर को लगी गोली भी उसकी रीढ़ वाली हड्डी में फंसी मिली। उसे भी पोस्टमार्टम के दौरान निकाला गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह भी साफ हो गई कि बाइक सवार दोनों शूटर काफी शातिर थे। बाइक चलाने वाले बदमाश ने भी चली बाइक से गोली चलाई होगी। हत्या में शामिल बदमाशों की पहचान व गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गई है।
इनसेट-
तीन दिन बाद भी नहीं मिला सुराग
नौ दिसंबर को फरेंदा थानाक्षेत्र के महुआ-महुई निवासी बाइक सवार दो बदमाशों ने पुरंदपुर थानाक्षेत्र के बरगदवा हरैया गांव निवासी जिला पंचायत सदस्य के हिस्ट्रीशीटर पुत्र जितेंद्र यादव की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हमले में गोली लगने से चेहरी निवासी जितेंद्र यादव भी घायल हो गया था। उसका मेडिकल कालेज में उपचार चल रहा है। मृतक की पत्नी बबिता यादव की तहरीर पर पुलिस ने गांव के रामवृक्ष पासवान, महावीर पासवान, दीनानाथ पासवान, रामकेश पासवान व दो अज्ञात बदमाशों पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने रामवृक्ष व महावीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दो नामजद और दो शूटर पुलिस की पकड़ से दूर है। तीन दिन बाद भी इनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई।
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बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें दबिश दे रही है। कानून व्यवस्था बनाए रखने में दो दिन का समय बीत गया। अब पुलिस धरपकड़ में जुटी है। कई लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। अज्ञात शूटरों की पहचान के बाद कई राज सामने आएंगे।
रोहित सिंह सजवान,पुलिस अधीक्षक