इलेक्ट्रानिक कांटों में छेड़छाड़, घटतौली करने का बना हथियार
लोकल इलेक्ट्रानिक कांटे का इस्तेमाल कर हो रही गड़बड़ी
महराजगंज: बाजार शहर का हो अथवा गांव का बेजार तो जनता ही होती है। आधुनिकता के इस जमाने में गरीब व अनपढ़ जनता के साथ-साथ अमीर व जागरूक लोग भी आधुनिक कांटों की गड़बड़ी से रोजाना ठगे जा रहे हैं। दरअसल इलेक्ट्रानिक कांटा वर्तमान समय में चालबाजों के लिए घटतौली करने का बड़ा हथियार बना हुआ है। जिसमें छेड़छाड़ करके व्यापारी उसमें घटतौली करते हैं और लोगों को चूना लगाने का कार्य करते हैं। गांव से शहर तक की दुकानों पर यह खेल धड़ल्ले से जारी है। दुकानदार कांटों में नंबर सेट कर देते हैं। इसके बाद मन माफिक खेल करते हैं। हालांकि नामी कंपनियों के तराजू में छेड़छाड़ संभव नहीं है। लेकिन लोकल तराजू के मदर बोर्ड में छेड़छाड़ करके एक चिप लगा दी जा रही है, जो किसी भी वजन को घटाकर या बढ़ाकर दिखा देता है। अधिकांश दुकानदार लोकल इलेक्ट्रानिक कांटा ही इस्तेमाल कर रहे हैं। सबसे खराब स्थिति तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकानों की है। इन दुकानों पर आए दिन शिकायत भी होती है। लेकिन जांच का भरोसा देकर जनता की आवाज को दबा दी जाती है। पेट्रोल पंपों पर भी हो रही घटतौली
महराजगंज: जिले में अधिकांश पेट्राल पंपों पर भी मिलावटी तेल व घटतौली की बात आए दिन सामने आती है। लगभग किसी ने किसी वाहन स्वामियों से पेट्रोल, डीजल को लेकर सेल्समैन से तू-तू मैं-मैं भी होती है। लेकिन इस घटतौली पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
घटतौली पर अंकुश लगाने के लिए लगातार जांच की जा रही है। करीब 300 दुकानों के इलेक्ट्रानिक कांटों को तार-गोटी से बांधकर सील किया गया है और भी दुकानों के भी कांटों
के सील करने की कार्रवाई की जा रही है। ताकि कोई उसे खोलकर छेड़छाड़ न कर सके।
सुमित कुंदू, वरिष्ठ निरीक्षक
विधिक माप विज्ञान, महराजगंज