ठंड में बढ़े सर्दी, खांसी व निमोनिया के मरीज

जिले में पिछले एक सप्ताह से सुबह और शाम कोहरे के साथ शीतलहर पड़ना शुरू हो गया है। इसका असर आमजन के जीवन पर पड़ रहा है। बच्चे युवा व बुजुर्ग सभी इससे प्रभावित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 12:10 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 12:12 AM (IST)
ठंड में बढ़े सर्दी, खांसी व निमोनिया के मरीज
ठंड में बढ़े सर्दी, खांसी व निमोनिया के मरीज

महराजगंज: ठंड का मौसम शुरू होते ही जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रत्येक दिन 1300 से 1500 मरीज अस्पताल पर पहुंच रहे हैं, इसमें करीब आठ सौ मरीज सर्दी, खांसी, निमोनिया और सांस फूलने की बीमारी से पीड़ित हैं। मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण अस्पताल की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है।

यूं तो जिले में पिछले एक सप्ताह से सुबह और शाम कोहरे के साथ शीतलहर पड़ना शुरू हो गया है। इसका असर आमजन के जीवन पर पड़ रहा है। बच्चे, युवा व बुजुर्ग सभी इससे प्रभावित हो रहे हैं। शनिवार को जिला अस्पताल के इमरजेंसी से लेकर डा. विशाल चौधरी, डा. राकेश रामन, डा. प्रमोद सिंह सहित प्रत्येक चिकित्सकों की ओपीडी मरीजों की भीड़ से भरा रहा। हर चिकित्सक ने कम से कम 50 से 60 मरीज देखे और दवा दी। मरीजों में बच्चों के साथ बुजुर्ग भी पीड़ित रहे। बेलभरिया की सुरवाती, चौपरिया की मुन्नी और महुआ के जोखन ने बताया कि चार-पांच दिन बच्चे को ठंड लगकर बुखार था। डाक्टर ने निमोनिया बताया है, अस्पताल से दवा मिली है। मऊपाकड ने चंद्रभान और अमहवा के बुजुर्ग बृजकिशोर सांस फूलने की बीमारी से पीड़ित रहे। उन्हें दवा के साथ चिकित्सक ने आवश्यक सुझाव दिए। वहीं जांच के लिए पैथालाजी भी मरीजों की कतार लगी रही। ठंड के मौसम में सर्दी, खांसी, निमोनिया के मरीज बढ़ रहे हैं। इस मौसम में काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। जिला चिकित्सालय में जो संसाधन हैं, उसी में भर्ती मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

डा. एके राय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ठंड में बरतें यह सावधानी

- सर्द मौसम में हर व्यक्ति गुनगुने पानी का सेवन करें।

- गर्म कपड़े पहन कर घर से निकलें।

- भोजन करके ही घर से निकलें।

- रात में सोने से पहले पैर की सिकाई करें।

- मधुमेह व ब्लड प्रेशर के मरीज विशेष सावधानी बरतें।

- बुजुर्ग इस ठंड में मार्निगवाक से बचें

- कमरों में मोटा पर्दा लगाएं, जिससे हवाएं अंदर न प्रवेश करें।

- अच्छे कंबल या रजाई का प्रयोग करें।

- शरीर की आग से सेंकाई करें।

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