दुकानों पर धरे रह गए शादी-मुंडन के कार्ड, लाखों की चपत

शादी मुंडन जेनऊ गृहप्रवेश श्रीमद्भागवत जैसे समारोह स्थगित होने से नहीं हो पाया इस्तेमाल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 08:02 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 08:02 PM (IST)
दुकानों पर धरे रह गए शादी-मुंडन के कार्ड, लाखों की चपत
दुकानों पर धरे रह गए शादी-मुंडन के कार्ड, लाखों की चपत

महराजगंज: बड़े अरमान के साथ फोटो स्टूडियो, प्रिंटिग प्रेस, हाफसेट, फ्लेक्श के दुकानदारों ने शादी-मुंडन से लेकर सभी समारोह के लिए कार्ड छापे थे। उम्मीद थी कि कार्ड छापने का कारोबार से अच्छी कमाई हो जाएगी। लेकिन लाकडाउन ने सबके अरमानों पर पानी फेर दिया। इससे जिले में लाखों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। न तो उस डेट पर अब शादियां होने वाली है और न ही अन्य आयोजन। छापे गए कार्ड दुकानों में धूल फांक रहे हैं। वीडियोग्राफी, मिक्सिग लैब व फोटोग्राफरों की भी रोजी मारी गई है। जबकि इसका कारोबार न केवल जिले में होता है, बल्कि कार्ड छापने का कारोबार नेपाल तक होता है। वहां भी लाकडाउन ने कारोबार को संकट में डाल दिया है।

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सवा चार सौ दुकानदारों की छिन गई रोटी

नगर में 40 से 50 दुकानें खुली हैं। जो शादी से लेकर मुंडन के कार्ड छापते हैं। करीब इतने ही लोग वीडियो व फोटोग्राफर भी है। यह शादी से लेकर हर समारोह में फोटोग्राफी करते हैं और उसका मिक्सिग भी करते हैं। निचलौल में 40, ठूठीबारी में 40, झुलनीपुर में 30, बैठवलिया में 20, बहुआर में 20, फरेन्दा में 45, नौतनवा में 35, सिसवा में 50, घुघली में 35, परतावल में 35, पनियरा में 30 दुकानें जो शादी का कार्ड छापते हैं। लेकिन सभी के रोजगार पर कोरोना ने लाकडाउन लगा दिया। दुकानों में धूल फांक रहे कार्ड

मुहूर्त पर सैकड़ों शादियां तय थी। मुंडन, घरभोज, प्रीतिभोज, गृह प्रवेश, जनेऊ, श्रीमद्भागवत, रामायण, छंठियार समारोह का कार्ड दुकानदारों ने छाप दिए थे। मां वैष्णो फोटो स्टूडियो के प्रोपराइटर वीराज वीर अभिमन्यु, एजुकेशन इम्पोरिएम के विनोद राय, नंद पुस्तक मंदिर के आनंद सिंह, कन्हैया प्रिंटर्स के शिवा कहते हैं कि कार्ड दिल्ली के चाऊड़ी मार्केट, बनारस, गोरखपुर से मंगाया गया था। 4 रुपये से लेकर सौ रुपए तक प्रति कार्ड खर्च आया है। लेकिन लाकडाउन से सभी शादियां व समारोह टल गए। उपभोक्ताओं की भी डूब गए एडवांस

शादी-मुंडन जैसे समारोह के कार्ड छापने के लिए दिए गए एडवांस भी डूब गया। रामसिंह, राजेंद्र, प्रभु आदि ग्राहकों ने बताया कि कार्ड छपवाने के लिए जो एडवांस दिए थे। वह भी डूब गया। शादी का डेट टलने से छपे कार्ड बेकार हो गए। अब फिर नए डेट पर शादी तय होने से नए कार्ड छपवाने पड़ रहे हैं।

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