बोलेरो से ढोए जा रहे स्कूली बच्चे, खतरे में जान

महराजगंज स्कूलों में बच्चों की स्कूल यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए शासन द्वारा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 12:01 AM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 06:06 AM (IST)
बोलेरो से ढोए जा रहे स्कूली बच्चे, खतरे में जान
बोलेरो से ढोए जा रहे स्कूली बच्चे, खतरे में जान

महराजगंज: स्कूलों में बच्चों की स्कूल यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए शासन द्वारा लाख निर्देशों के बावजूद विद्यालयों में वाहनों के मानकों पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कहीं आटो में ओवरलोड बच्चे तो कहीं बोलेरो में मासूमों की जिदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसा ही कुछ बुधवार की सुबह पनियरा क्षेत्र के कुआंचाप में देखने को मिला। जहां मानक के विपरीत बोलेरो में स्कूली बच्चों को ढोने के लिए लगाया गया था। वाहन विद्युत पोल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। गनीमत यह रहा कि बच्चे विद्युत की चपेट में आने से बच गए। बुधवार को स्कूली वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया। मौके पर बीईओ पनियरा आरडी प्रसाद ने पहुंचकर विद्यालय की जांच की। जांच में विद्यालय में चलने वाला विद्यालय वाहन मानक के विपरीत पाया गया। चालक मौके पर नहीं मिला। बच्चों ने बताया कि इसी वाहन से वे रोजाना विद्यालय जाते हैं। बीएसए जगदीश शुक्ला ने बताया कि विद्यालय के खिलाफ मानक विपरीत वाहन चलाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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क्या होता है मानक:

-मानक के अनुसार स्कूल वाहन का रंग सुनहरा पीला होने के साथ उस पर दोनों तरफ चार इंच मोटी नीले रंग की पट्टी हो।

-सीटों के मुताबिक बच्चों को बैठाया जाना चाहिए ।

-सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।

- वाहनों में स्पीड अलार्म लगा हो ताकि संचालक को वाहन की गति का पता चल सके।

-फ‌र्स्ट एड बाक्स के साथ पांच वर्ष का अनुभवी को चालक रखा जाना चाहिए।

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