पौधों की सुरक्षा के प्रति भी रहें जागरूक

दिनेश कुमार गिरी उर्फ पेड़ बाबा ने कहा कि बात सन 1998 की है। जब बाढ़ आई तो देखा कि हर जगह पेड़ या तो बह गए या पानी लगने से सूख गए। उसी समय संकल्प लिया कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है। अबतक करीब 75 हजार पौधारोपण करने के बाद यह बात देखने को मिली कि पौधारोपण करना तो आसान है पर संरक्षण मुश्किल है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 10:24 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 10:24 PM (IST)
पौधों की सुरक्षा के प्रति भी  रहें जागरूक
पौधों की सुरक्षा के प्रति भी रहें जागरूक

महराजगंज: पौधारोपण अभियान के तहत प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाते हैं पर उनका संरक्षण न होने से अधिकांश पौधे सूख जाते हैं। दूसरी तरफ लगातार वृक्षों की कटान से पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ रहा है। हालांकि वन विभाग ने स्थिति को सम्यक बनाने के लिए कटान से 10 गुना पौधारोपण की शर्त रखी है। 10 गुना पौधारोपण के बाद ही विभाग एनओसी जारी करता है, उसके बावजूद स्थिति संभलने के बावजूद दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। पर्यावरण प्रहरियों से बातचीत में उन्होंने भी पेड़-पौधों के संरक्षण के लिए विशेष कानून बनाने की मांग की है।

दिनेश कुमार गिरी उर्फ पेड़ बाबा ने कहा कि बात सन 1998 की है। जब बाढ़ आई तो देखा कि हर जगह पेड़ या तो बह गए या पानी लगने से सूख गए। उसी समय संकल्प लिया कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है। अबतक करीब 75 हजार पौधारोपण करने के बाद यह बात देखने को मिली कि पौधारोपण करना तो आसान है पर संरक्षण मुश्किल है। पौधों को बचाने के लिए सरकार को गंभीर होना चाहिए।

चंद्रेश शास्त्री, समाजिक कार्यकर्ता, निचलौल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण के साथ-साथ उसके संरक्षण की जिम्मेदारी के लिए सभी को तत्पर रहना होगा। एक व्यक्ति की सोच से पौधारोपण का कार्य किया जा सकता है पर उसके संरक्षण के लिए सभी को इसके प्रति गंभीर होना पड़ेगा।

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