अफगानियों के नेपाल में शरणार्थी बनने पर लगी रोक
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फणींद्र मणि पोखरेल ने कहा है कि यूनाइटेड नेशन हाई कमिश्नर आफ रेफ्यूजी ने बिना गृह मंत्रालय से वार्ता या अग्रिम नोटिस के आंतरिक गृह युद्ध में फंसे देशों के नागरिकों का शरणार्थी कागजात बनाए हैं।
महराजगंज: नेपाल में अवैध रूप से रह रहे 11 अफगान नागरिकों के पकड़े जाने के बाद गृह मंत्रालय ने अफगान नागरिकों के नेपाल में शरणार्थी कागजात बनाने पर बुधवार से रोक लगा दी है। शरणार्थी पहचान पत्र जारी करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनाइटेड नेशन हाई कमिश्नर आफ रेफ्यूजी (यूएनएचसीआर) द्वारा नेपाल शरणार्थी पत्र जारी करने पर भी आपत्ति जताई गई है। मामले को लेकर नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस, राष्ट्रीय जांच विभाग व आब्रजन विभाग की उच्च स्तरीय बैठक व वार्ता चल रही है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फणींद्र मणि पोखरेल ने कहा है कि यूनाइटेड नेशन हाई कमिश्नर आफ रेफ्यूजी ने बिना गृह मंत्रालय से वार्ता या अग्रिम नोटिस के आंतरिक गृह युद्ध में फंसे देशों के नागरिकों का शरणार्थी कागजात बनाए हैं। गृह मंत्रालय ने नेपाल स्थित यूनाइटेड नेशन हाई कमिश्नर आफ रेफ्यूजी (यूएनएचसीआर) के प्रमुख कैरोलिन स्पैनथ से वार्ता कर शरणार्थी व अस्थाई निवास प्रमाणपत्र जारी करने पर रोक लगाने की बात कही। होटल से भागा अफगान शरणार्थी
काठमांडू के सिनामंगल क्षेत्र के होटल में छह अफगान नागरिकों को पुलिस ने पकड़ा था। जिनके पास भारतीय आधार कार्ड बरामद हुए थे। पुलिस ने जब होटल के आगंतुक रजिस्टर की जांच की तो एक अफगान नागरिक के भागने की बात सामने आई है। रजिस्टर में दर्ज ब्यौरे के अनुसार भागने वाले अफगान नागरिक का नाम अजमल अचकेई है, जो सितंबर के दूसरे सप्ताह में अन्य अफगान के साथ बस द्वारा दिल्ली से सोनौली आया था। वह भारत के पंजाब का नागरिक होने का फर्जी पहचान पत्र के जरिये बेलहिया सीमा पार कर काठमांडू पहुंचा। फिर यूएनएचसीआर में शरण लेने के बाद सात लोग 25 हजार रुपये मासिक किराया पर सिनामंगल के एक होटल में ठहरे थे। 10 हजार रुपये एडवांस किराया जमा किया गया था। नेपाल में रहने के दौरान वह जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करता था वह स्विच आफ है। नेपाल पुलिस फरार अफगान नागरिक की तलाश में जुटी है।