महराजगंज में आयुष्यमान वार्ड बदहाल, मरीज बेहाल
प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना को अपनी प्राथमिकता में शामिल करते हुए जोर-शोर से इसका शुभारंभ किया था। महराजगंज में भी इसकी शुरुआत हुई थी। जिला अस्पताल में छह बेड के आयुष्मान वार्ड का उद्घाटन दो साल पूर्व सदर विधायक ने फीता काटकर किया था। योजना थी कि प्राइवेट हास्पीटल की ही तरह यहां पर मरीजों को विशेष सुविधा दी जाएगी।
महराजगंज: गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संचालित आयुष्यमान भारत योजना से जिले के अस्पताल मालामाल हो रहे हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम अस्पतालों में बने वार्ड दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। जिला अस्पताल में ही बने छह बेड के आयुष्यमान वार्ड में सुविधाएं बदहाल हैं। वार्ड में गंदगी सहित दिवार पर शैवाल देख अस्पताल के अलावा इसे कुछ भी नाम दिया जा सकता है। यह हाल तब है, जब आयुष्यमान के मरीजों से जिला अस्पताल को रुपये मिलते हैं। वार्ड की बदहाली के कारण आयुष्यमान के मरीजों को जनरल वार्ड में भर्ती किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना को अपनी प्राथमिकता में शामिल करते हुए जोर-शोर से इसका शुभारंभ किया था। महराजगंज में भी इसकी शुरुआत हुई थी। जिला अस्पताल में छह बेड के आयुष्मान वार्ड का उद्घाटन दो साल पूर्व सदर विधायक ने फीता काटकर किया था। योजना थी कि प्राइवेट हास्पीटल की ही तरह यहां पर मरीजों को विशेष सुविधा दी जाएगी। साथ ही उनके आयुष्यमान कार्ड के रुपयों से यहा की व्यवस्था व अन्य प्रबंधन का कार्य किया जाएगा। वार्ड की बदहाली के चलते यहां पर मरीज भी भर्ती नहीं होना चाहते हैं। इसी का कारण है कि प्रत्येक दिवस दो से तीन हजार मरीजों के पहुंचने वाले जिला अस्पताल में अबतक मात्र 262 आयुष्यमान गोल्डेन कार्ड के मरीजों का ही यहां इलाज हो सका। इनसे अस्पताल प्रबंधन को कुल 12 लाख 90 हजार 200 रुपये का आय हुई है। लेकिन इसके बावजूद छह बेड के वार्ड में प्रभारी के तौर पर किसी भी चिकित्सक की न तो तैनाती है और न तो अन्य स्टाफ की। इस बारे में आयुष्मान भारत योजना के नोडल डा. आइए अंसारी से बात की गई तो उनका कहना था कि जिला अस्पताल के आयुष्मान वार्ड में मरीजों को भर्ती करना और इलाज करना वहीं की जिम्मेदारी है। इस बारे में विभाग ने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि जिला अस्पताल में आयुष्यमान वार्ड की बदहाली की सूचना मिली है। मामले में जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही साथ जिला अस्पताल को मिले अबतक योजना से धनराशि से अस्पताल की व्यवस्था को दुरूस्त कराया जाएगा। आंखों के आपरेशन के लिए उपकरणों की है दरकार
जिला अस्पताल में आंख के आपरेशन कराने की व्यवस्था भी बदहाल है। अस्पताल में आपरेशन उपकरण न होने से मरीजों को प्राइवेट में इलाज कराना मजबूरी है। पिछले दिनों आंख के चिकित्सक ने आयुष्यमान भारत योजना के बजट से आपरेशन उपकरण खरीदे जाने की मांग की थी। लेकिन जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया।