एसटीएफ की हिट लिस्ट में कुख्यात अंकित और अनिल
गौतमबुद्धनगर जिले के बादलपुर थानाक्षेत्र के दुजाना गांव निवासी अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर व रानौली जारवा निवासी अंकित गुर्जर दोनों अलग-अलग गैंग चलाते हैं। लूट हत्या डकैती दूसरों की भूमि पर कब्जा बिल्डरों से रंगदारी वसूल करना इनका पेशा है।
महराजगंज: कानपुर मुठभेड़ में डिप्टी एसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद नए सिरे से बदमाशों पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। यूपी एसटीएफ की ओर से करीब 30 वांटेड बदमाशों की लिस्ट जारी हुई है। इनमें अधिकांश पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई है। इस हिट लिस्ट में पश्चिमी यूपी में गैंग चलाने वाले कुख्यात अंकित गुर्जन व अनिल दुजाना का नाम शामिल है। लंबे समय से दोनों महराजगंज जेल में बंद हैं। पश्चिमी यूपी के कोर्ट में पेशी के दौरान दोनों शातिर अपने गुर्गों को टास्क देकर चले आते हैं। यही वजह है कि जेल में रहने के दौरान दोनों पर आपराधिक घटनाओं में साजिश रचने के आरोप लगते रहे हैं। इनके खिलाफ साक्ष्य खोजने में पुलिस की लीपापोती जगजाहिर है।
गौतमबुद्धनगर जिले के बादलपुर थानाक्षेत्र के दुजाना गांव निवासी अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर व रानौली जारवा निवासी अंकित गुर्जर दोनों अलग-अलग गैंग चलाते हैं। लूट, हत्या, डकैती, दूसरों की भूमि पर कब्जा, बिल्डरों से रंगदारी वसूल करना इनका पेशा है। जरायम की दुनिया से दोनों ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली है। पुलिस रिकार्ड में अंकित गुर्जर सुपारी किलर है। उसके ऊपर 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। जबकि दुजाना अपनी गैंग का सरगना है। इसका भी लंबा आपराधिक इतिहास है। महराजगंज जेल में दोनों ढाई वर्ष से बंद हैं। कोरोना संक्रमण से पहले जेल में इनसे मुलाकात करने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी रही है। कानपुर मुठभेड़ के बाद एसटीएफ ऐसे ही अपराधियों की सूची तैयार की है जिनकी आय का श्रोत अपराध है। प्रभारी जेल अधीक्षक अविनाश कुमार ने बताया कि जेल में मुलाकात नहीं हो रही है। यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।