रजिस्ट्रेशन के नाम पर वसूली का आरोप, हंगामा

हंगामा के दौरान पहुंचे प्रतिरक्षण अधिकारी राकेश मणि त्रिपाठी ने लोगों को समझाया कि स्वतंत्र रूप से कहीं से भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अगर दुकानदार गलत पैसा ले रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 01:28 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 01:28 AM (IST)
रजिस्ट्रेशन के नाम पर वसूली का आरोप, हंगामा
रजिस्ट्रेशन के नाम पर वसूली का आरोप, हंगामा

महराजगंज : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धानी में बुधवार को ग्राम कानापार के प्रधान संजय साहनी के नेतृत्व में पहुंचे ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि स्वास्थ्य केंद्र के सामने स्थित एक कंप्यूटर की दुकान पर सभी को वैक्सीनेशन कराने के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए भेजा जा रहा है। जहां दुकानदार द्वारा रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों से 100 से 200 रुपये की फीस ली जा रही है। दुकानदार रात में ही पैसा लिए गए ग्राहकों का स्लाट बुक कर देता है, जिससे अन्य कही आनलाइन बुकिग नहीं हो रहा है। ऐसे में लोगों को मजबूर होकर उसी दुकानदार से रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ रहा है। हंगामा के दौरान पहुंचे प्रतिरक्षण अधिकारी राकेश मणि त्रिपाठी ने लोगों को समझाया कि स्वतंत्र रूप से कहीं से भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अगर दुकानदार गलत पैसा ले रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

बिना टीका लगे ही आ गया प्रमाणपत्र

महराजगंज: कोरोनारोधी टीका लगने से पहले ही टीका लगा दिए जाने का मैसेज व प्रमाण पत्र मोबाइल फोन पर आ आने की बात को लेकर मंगलवार की शाम सीएचसी रतनपुर पर जमकर हंगामा हुआ। जिसका एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद मामले को शांत कराया और तकनीकी फाल्ट कैसे हुई इसकी जांच शुरू कर दी है। नौतनवा कस्बा में किराए का कमरा लेकर रहने वाले गोरखपुर निवासी विवेक का कहना है कि उसने अपनी पत्नी सुनीता को कोरोनारोधी टीका लगाने के लिए आनलाइन पंजीकरण कराया। टीका लगाने के लिए रतनपुर सीएचसी पर 27 जुलाई का स्लाट बुक था। वह नौतनवा से अपनी पत्नी के साथ अस्पताल जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि उसने मोबाइल फोन पर सुनीता को कोविशिल्ड का टीका लग जाने व उसके प्रमाण पत्र का मैसेज आ गया। विवेक ने सोचा की मैसेज गलत है। जब टीका लगवाया ही नहीं तो मैसेज कैसे आ गया। जब वह अस्पताल पहुंचे तो उसकी पत्नी के स्थान पर किसी और ने टीका लगवा लिया था। इस बात पर हंगामा शुरू हो गया। स्वास्थ्य कर्मी ने भी टीका लगाने से इंकार करने लगे। जबकि विवेक इस बात पर स्वास्थ्य कर्मियों से नोकझोंक करने लगा कि जब उसकी पत्नी टीका लगवाने आई ही नहीं तो उसका आधार व मोबाइल फोन पर आए ओटीपी कोड को लेकर कौन महिला आ गई। बात बढ़ते देख देर शाम महिला को टीका लगवाया। तब जाकर मामला शांत हुआ। एसीएमओ राकेश कुमार का कहना है कि तकनीकी खामी की वजह से सुनीता नामक महिला का टीका लगने के पहले ही टीकाकरण पूर्ण होने का संदेश आ गया था। यह खामी कैसे हुई इसकी जांच की जा रही है।

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