यातनाओं को याद कर कांप जाता है तन

महराजगंज देश ने आपातकाल का बुरा दौर देखा है। इसे भारतीय राजनीति के इतिहास का काला अध्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 12:05 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 12:05 AM (IST)
यातनाओं को याद कर कांप जाता है तन
यातनाओं को याद कर कांप जाता है तन

महराजगंज: देश ने आपातकाल का बुरा दौर देखा है। इसे भारतीय राजनीति के इतिहास का काला अध्याय भी कहा जाता है। आपातकाल 25 जून 1975 को लगा था। जनता के सारे अधिकार छिन गए थे। फरेंदा तहसील क्षेत्र के लोकतंत्र रक्षक सेनानियों ने उस दौर की यादें साझा की। उन्होंने कहा कि यातनाओं को याद कर मन आज भी कांप जाता है।

-

लोकतंत्र रक्षक सेनानी कृपाशंकर उपाध्याय ने बताया कि कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे। इसे आजाद भारत का सबसे विवादास्पद दौर भी माना जाता है। विपक्ष के नेताओं को रात में ही उठाकर जेल में बंद कर दिया गया था। उन्हें भी गोरखपुर जेल में काफी यातनाएं झेलनी पड़ी।

--

लोकतंत्र सेनानी राजकुमार चौरसिया ने कहा कि जब समूचे देश ने रेडियो पर इंदिरा गांधी की आवाज में आपातकाल की घोषणा के बारे में सुना था, तब यह अंदाजा नहीं था कि इतनी खराब स्थिति से गुजरना पड़ेगा। साथियों के साथ उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। बिना भोजन के जेल में कई दिन गुजारने पड़े।

----

लोकतंत्र रक्षक सेनानी राधेश्याम ने बताया कि जब आपातकाल लगा था, तो उनकी उम्र 18 वर्ष थी। परमा इंटर कालेज मछलीगांव में पढ़ता था। पुलिस वहां पहुंची और बिना कारण बताए उन्हें लेकर चली गई। एक सप्ताह नजर बंद कर दिया गया था। किसी से मिलने की इजाजत नहीं थी। आपातकाल के समय का जीवन बड़ा ही संघर्षों भरा रहा।

--

लोकतंत्र रक्षक सेनानी व आनंदनगर के पूर्व चेयरमैन जयप्रकाश लाल ने कहा कि 25 जून 1975 की आधी रात को आपातकाल की घोषणा की गई। आम जनता के सारे अधिकार छीन लिए गए थे। उन्हें सात दिन तक नजर बंद कर दिया गया था। फिर आठ माह बाद उन्हें तमाम यातनाओं के बाद रिहा किया गया।

---

लोकतंत्र रक्षक सेनानी अवधराज यादव ने बताया कि जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा के इस्तीफा देने तक देश भर में रोज प्रदर्शन करने का आह्वान किया। हड़तालें चल रही थीं। इंदिरा गांधी आसानी से सिंहासन खाली करने के मूड में नहीं थीं। विपक्ष, सरकार पर लगातार दबाव बना रहा था। नतीजा यह हुआ कि इंदिरा ने 25 जून की रात देश में आपातकाल लागू करने की घोषणा की। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा।

chat bot
आपका साथी