महराजगंज के 78 गांव बाढ़ की चपेट में, सेमरहवा का बांध टूटा

सदर तहसील अंतर्गत चेहरी बांध में भी तीन जगह रिसाव हो रहा है जिससे आस रहने वाले लोग भयभीत हैं। एनएच 730 पर बाबा कुटी के सामने रामनगर टोले और कोठी टोला के पास बांध में सुबह से रिसाव हो रहा है। ग्रामीण बालू की बोरी से रिसाव स्थल को बांधने की कोशिश में जुटे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 01:10 AM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 01:10 AM (IST)
महराजगंज के 78 गांव बाढ़ की चपेट में, सेमरहवा का बांध टूटा
महराजगंज के 78 गांव बाढ़ की चपेट में, सेमरहवा का बांध टूटा

महराजगंज: नेपाल की पहाड़ियों और जनपद में हो रही बारिश के कारण जिले की नदियों उफान पर है। राप्ती, रोहिन, नारायणी, चंदन, प्यास, घोघी और महाव नाला खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। नदियों के जलस्तर बढ़ने से बंधों पर दबाब बढ़ने लगा है। सोमवार को लक्ष्मीपुर क्षेत्र गौहरपुर गांव के पास सेमरहवां का बांध सुबह टूट गया। जिससे करीब 16 गांव में पानी घुस गया है। इसी के साथ जिले के कुल 78 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। एनडीआरएफ की टीम लोगों के बचाव में जुटी है। उधर जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने निचलौल और नौतनवा तहसील के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एनडीआरएफ की नाव से स्थलीय निरीक्षण किया।

सदर तहसील अंतर्गत चेहरी बांध में भी तीन जगह रिसाव हो रहा है, जिससे आस रहने वाले लोग भयभीत हैं। एनएच 730 पर बाबा कुटी के सामने, रामनगर टोले और कोठी टोला के पास बांध में सुबह से रिसाव हो रहा है। ग्रामीण बालू की बोरी से रिसाव स्थल को बांधने की कोशिश में जुटे हैं।

लक्ष्मीपुर संवाददाता के अनुसार क्षेत्र में बाढ़ के पानी ने तबाही मचा दिया है। बचाव के लिए सिचाई विभाग, राजस्व विभाग, एनडीआरएफ की टीमें तैनात है। नेपाल से आया पानी शनिवार की दोपहर में कोइरी टोला का बंधा तोडते हुए दर्जनों गांव को संकट में डाल दिया। इसी बीच सोमवार की सुबह गौहरपुर गांव के सेमरहवां का बांध टूट गया। देखते ही देखते कटान बढ़कर करीब 50 मीटर तक पहुंच गया है। जिससे सेमरहवा, मरचहवा, कुड़िया, आराजीसुवाइन, रानीपुर, खालिकगढ, कोमरी, पोस्टमैन टोला, विनया छावनी, तमुकहवां, अमहवां, छावनी, तेरहो टोला, वुडवंतवापुर, औरहवा कला,औरहवा खुर्द, सुबेदारपुर, मछरहियां, नौडिहवां, कुडिहवां, मंगरहिया, बिचऊपुर आदि गांव पानी से घिर गए हैं तथा लोगों को खाने-पीने व पेयजल का संकट खड़ा हो गया है।

नौतनवा संवाददाता के अनुसार रोहिन नदी व बघेला नाले के उफान से बीते शुक्रवार से ही चकदह गांव सहित इसके 22 टोले बाढ़ से घिरे हुए हैं। हालांकि लोगों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से नाव के साथ पीएसी की तैनाती कर दी गई है। सोमवार को डीएम डा. उज्ज्वल कुमार व एसपी प्रदीप गुप्ता ने बोट से घरोही व महुलैना टोला पहुंचकर लोगों का कुशलक्षेम पूछा और राहत सामग्री वितरित की। डीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ, पीएसी व स्वास्थ्य विभाग टीम की तैनात कर दी गई है। बाढ़ प्रभावित लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए स्थानीय प्रशासन व प्रधान को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभा चकदह के प्रधान वीरेंद्र राजभर ने बताया कि बाढ़ के पानी से अभी भी घरोही व महुलैना टोले के सैकड़ों ग्रामीण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। उनके लिए पूड़ी, सब्जी, बिस्किट, पानी, फल आदि सुबह-शाम बोट की सहायता से पहुंचाया जा रहा है। सुबह से ही पैकेट बनाने के लिए ग्रामीण लगे हुए हैं। सीओ कोमल प्रसाद मिश्र, नौतनवा इंस्पेक्टर राजेश कुमार पांडेय, परसा मलिक थानाध्यक्ष शाह मोहम्मद आदि उपस्थित रहे। एडीएम कुंज बिहारी अग्रवाल ने भी बृजमनगंज फरेंदा तहसहील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरान किया।

परसामलिक संवाददाता के अनुसार नौतनवा तहसील क्षेत्र से होकर बहने वाले पहाड़ी नदी नालों का जलस्तर सोमवार को थमते ही रिहायशी बस्तियों से बाढ़ का पानी तेजी से खिसकने लगा है। सोनिया नाले का जलस्तर थमने के बाद बरगदवा, देवघट्टी, हरखपुरा, शिकारगढ़, हरपुर पाठक, सेमरहना, कचरिहवा, सीहाभार, नेबुअहवा आदि गांवों के लोगों की दैनिक दिनचर्या पटरी पर लौटने लगी है।

निचलौल संवाददाता के अनुसार नदियों का जलस्तर लगभग सामान्य रहा। जिससे बाढ़ जैसी हालत में कमी रही। जिसके बाद वह बाढ़ शरणालय गृह गेडहवा पहुंचे। जहां उन्होंने एसएसबी झुलनीपुर के सहयोग कमांडेंट संजय प्रसाद के साथ शरणार्थियों को भोजन व बिस्किट बांटा। जिसके बाद पीड़ित ग्रामीणों के साथ बैठकर भोजन भी किया। वहीं ग्राम बकुलडीहा, सुकरहर, मैरी, लक्ष्मीपुर खुर्द आदि गांवों में नाव से लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया। गड़ौरा बाजार संवाददाता के अनुसार चंदन नदी के उफान व लगातार बारिश के कारण गोसदन मधवलिया भी इसकी चपेट में आ गया है। स्थिति यह है कि गोसदन चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है। जिससे गोवंशीय पशुओं की ज्यादा परेशानी बढ़ गई है। उन्हें चरने के लिए बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। सभी पशुओं को गोआश्रय में ही रखकर चारा खिलाया जा रहा है। वहीं गोसेवकों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

पनियरा संवाददाता के अनुसार पनियरा क्षेत्र के रोहिन नदी के डोमरा जर्दी बांध के औरहिया,रानीपुर, लक्षमीपुर के बांध में जगह-जगह पानी रिसाव होने से तटवर्ती ग्रामीण भयभीत हो रहे है। मानसून बारिश के कारण रोहिन नदी के जलस्तर बढ़ने से बांध में रिसाव होने से खतरा बना हुआ है। हालांकि सिचाई विभाग के अधिकारी दिन रात बंधे पर नजर बनाए हुए हैं।

फुलमनहा संवाददाता के अनुसार बृजमनगंज क्षेत्र के गुजरौलिया, सहजनवां बाबू व दौलतपुर में अपर पुलिस अधीक्षक निवेश कटियार व एसडीएम अभय कुमार गुप्ता ने बाढ़ का निरीक्षण किया। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए एसओ को नजर बनाए रखने का निर्देश दिया। एसडीएम फरेंदा अभय कुमार गुप्ता ने हल्का लेखपाल से बाढ़ में फसलों के क्षति के आंकलन कर रिपोर्ट मांगी तथा उन्होंने कहा जरूरत पड़ने पर नाव तथा एनडीआरएफ की टीम तैनात किया जाएगा। इतने गांवों में हुए प्रभावित

जनपद के कुल 78 गांव बाढ़ से प्रभावित है, जिसमें 41 गांव बाढ़ से घिर गए हैं और 37 गांव के कृषि क्षेत्र बाढ़ के पानी घिरा है। इस प्रकार तहसील नौतनवा के 37 में 18 गांव मैरूंड तथा 19 गांवों के कृषि क्षेत्र प्रभावित हैं। तहसील फरेन्दा के 14 में 10 गांव मैरूंड तथा 4 गांवों के कृषि क्षेत्र, तहसील सदर के दो गांवों में एक मैरूंड तथा एक में कृषि क्षेत्र व निचलौल के 25 गांवों में 12 गांव मैरूंड तथा 13 गांव में कृषि क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

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