धन के बाद भी अधर में 19277 शौचालय

स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत जिले 28592 लाभार्थियों को व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण का लक्ष्य रखा गया। लाभार्थियों का चयन भी कर लिया गया। इसमें 23164 लाभार्थियों के खाते में धनराशि भी भेज दी गई लेकिन ग्राम सचिवों व लाभार्थियों की लापरवाही के कारण शौचालय का निर्माण अभी पूरा नहीं कराया जा सका।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:51 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:51 PM (IST)
धन के बाद भी अधर में 19277 शौचालय
धन के बाद भी अधर में 19277 शौचालय

महराजगंज: स्वच्छ भारत मिशन अभियान फेज दो के तहत व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण की रफ्तार जिले में लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। हालांकि इसके लिए शासन-प्रशासन द्वारा लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके शिथिलता बरकरार है। खाते में धनराशि होने के बाद भी अभी 19277 लाभार्थियों के शौचालय नहीं बन सके हैं। निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से स्वच्छता अभियान को भी झटका लग रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत जिले 28592 लाभार्थियों को व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण का लक्ष्य रखा गया। लाभार्थियों का चयन भी कर लिया गया। इसमें 23164 लाभार्थियों के खाते में धनराशि भी भेज दी गई, लेकिन ग्राम सचिवों व लाभार्थियों की लापरवाही के कारण शौचालय का निर्माण अभी पूरा नहीं कराया जा सका। हालांकि कई स्थानों पर तो लाभार्थी ने धनराशि भी निकाली ली है। लेकिन बालू, ईंट नहीं मिलने का हवाला देकर कार्य को लटकाए रखा है, लेकिन इनकी सीधी मानिटिरिग करने वाले ग्राम पंचायत अधिकारी अपने जिम्मेदारी से विमुख होकर कागजी कोरम पूरा करने में जुटे हैं।

केबी वर्मा, डीपीआरओ ने बताया कि

व्यक्तिगत शौचालय निर्माण को लेकर विभाग गंभीर है। 23164 लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजी गई है। शेष लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजने के प्रक्रिया चल रही है। निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराने के लिए सचिवों को निर्देशित किया गया है। लापरवाही करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। रहीशुन निशा, तुलसीपुर ने बताया कि

शौचालय के लिए पहली किस्त मिल गयी है, जिससे शौचालय बनवाया गया है, लेकिन अभी फाटक की व्यवस्था इसमें नहीं हो पायी है। अभी दूसरी किस्त नहीं मिली है। धनराशि कब आएगी, इसकी सही जानकारी भी नहीं मिल पा रही है। गिरीशचंद्र, महुअवा ने बताया कि

विभाग के अधिकारियों के आश्वासन पर शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदवाया गया, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की धनराशि नहीं मिली, जिसके कारण कार्य अधर में लटका है।

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