नेपाल में एक पखवारे में 116 लोगों की मौत
बाढ़ व भूस्खलन में अब भी 44 लोग लापता हैं। जिनकी तलाश में नेपाल की राहत व बचाव टीम जुटी है। बाढ़ व भूस्खलन में फंसे 1289 लोगों को बचा कर सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है। बाढ़ में कुल 3182 घर डूब चुके हैं 66 पुल आठ स्कूल व 15 सरकारी कार्यालय को बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है।
महराजगंज : नेपाल में बीते एक पखवारे से बाढ़ व भूस्खलन ने काफी तबाही मचाई है। प्रहरी प्रमुख कार्यालय काठमांडू ने शनिवार को बाढ़ व भूस्खलन से हुए नुकसान व जनहानि के आंकड़े पेश किए। जिसके मुताबिक 20 दिन के भीतर पूरे नेपाल में बाढ़ व भूस्खलन से कुल 116 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में 53 पुरूष, 34 महिला व 29 बच्चे शामिल हैं। भूस्खलन से 136 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 68 पुरुष, 37 महिला व 31 बच्चे हैं।
बाढ़ व भूस्खलन में अब भी 44 लोग लापता हैं। जिनकी तलाश में नेपाल की राहत व बचाव टीम जुटी है। बाढ़ व भूस्खलन में फंसे 1289 लोगों को बचा कर सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है। बाढ़ में कुल 3182 घर डूब चुके हैं, 66 पुल आठ स्कूल व 15 सरकारी कार्यालय को बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। बाढ़ में डूबकर 1303 पशुओं की मौत हुई है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र से अब तक 6111 लोग विस्थापित हुए हैं। नेपाल प्रहरी के उपनिरीक्षक बसंत बहादुर कुंवर ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि राहत व बचाव का कार्य जारी है। जो रास्ते भूस्खलन के मलबे से अवरुद्ध हैं। उन रास्तों से मलबा हटाए जाने का काम जारी है। मलबा हटा कर शुरू हुआ एक तरफ का आवागमन
नरायनघाट-काठमांडू मार्ग पर शनिवार की दोपहर तक मलबा को हटाकर आधी सड़क से आवागमन शुरू कर दिया है। मौके पर मौजूद नेपाली प्रशासन एक घंटा एक तरफ व एक घंटा दूसरी तरफ के वाहनों को आने जाने की अनुमति दे रहा है। वाहनों की कतार में 100 से भी अधिक ट्रक लगे हैं, जो कि तीन दिन से मार्ग अवरुद्ध होने से वहां फंसे हैं। बुटवल पाल्पा मार्ग पर रविवार की सुबह तक आवागमन पर रोक लगाई गई है। गंडकी प्रदेश के विद्युत आपूर्ति का मुख्य केबल भूस्खलन की चपेट में आने से टूट गया है। जिससे चार जिलों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है।